बिलासपुरजिले में सड़क दुर्घटनाओं की निगरानी अब तकनीक की मदद से और अधिक मजबूत हो गई है। सड़क हादसों को रोकने और उनके पीछे के कारणों को समझने के लिए iRAD प्रणाली के तहत सभी दुर्घटनाओं की ऑनलाइन निगरानी की जा रही है। इन जानकारियों को केंद्र सरकार के केंद्रीय डेटा सेंटर तक नियमित रूप से भेजा जा रहा है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने गुरुवार को सभी थाना प्रभारियों, चौकी प्रभारियों, पुलिस सहायता केंद्रों, पर्यवेक्षण अधिकारियों और अन्य संबंधित विभागों के नोडल अधिकारियों की बैठक लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए। बैठक में यातायात शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राम गोपाल करियारे और NIC के नोडल अधिकारी सौरभ चंद्राकर समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

क्या है iRAD प्रणाली?

iRAD (Integrated Road Accident Database) प्रणाली सड़क परिवहन मंत्रालय, भारत सरकार की एक पहल है। इसके जरिए सड़क दुर्घटनाओं की हर एक बारीकी को ऑनलाइन दर्ज किया जाता है — जैसे कि:

  • वाहन चालक की गलती,
  • दुर्घटना का प्रकार,
  • वाहन और चालक की जानकारी,
  • घटनास्थल की स्थिति और मौसम,
  • प्रकाश और दृश्यता की स्थिति,
  • सड़क का वर्गीकरण (राष्ट्रीय/राज्य मार्ग आदि),
  • घायल या मृत व्यक्तियों की संपूर्ण जानकारी।

इस विस्तृत डेटा का उपयोग कर राज्य व केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी यह तय करते हैं कि किस क्षेत्र में कौन-से सुधारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।

दुर्घटनाओं पर रोक लगाने का प्रयास

बैठक में यह तय किया गया कि iRAD प्रणाली से प्राप्त जानकारियों के आधार पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए:

  • सड़कों की दशा सुधारी जाएगी,
  • चिन्हित ब्लैक स्पॉट्स पर विशेष कार्रवाई होगी,
  • नियम तोड़ने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी,
  • और यातायात को और सुव्यवस्थित बनाने के प्रयास होंगे।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कहा कि जिले में यातायात नियमों के उल्लंघन पर अब और ज्यादा सख्ती बरती जाएगी। वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राम गोपाल करियारे के नेतृत्व में बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए सुधारात्मक उपाय लगातार जारी हैं।

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