बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में शासन ने बताया है कि राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी में भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब तक चार मनोचिकित्सकों सहित अन्य स्टाफ की नियुक्ति की जा चुकी है। इस पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने संतोष जताया और न्यायमित्रों को अस्पताल का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
मानसिक रोगियों की हालत पर हाईकोर्ट गंभीर
राज्य में मानसिक रोगियों की चिकित्सा स्थिति को लेकर कोर्ट में जनहित याचिका अधिवक्ता विशाल कोहली द्वारा हिमांशु पांडेय के माध्यम से 2017 में दायर की गई थी। इसके अलावा कोर्ट ने स्वयं भी इस विषय पर संज्ञान लिया। दोनों मामलों की संयुक्त सुनवाई चल रही है। याचिका में बताया गया कि WHO के मानकों के अनुसार हर 10 हजार की आबादी पर एक मनोचिकित्सक होना चाहिए, जबकि छत्तीसगढ़ में 8 लाख लोगों पर केवल एक सायकेट्रिस्ट उपलब्ध है।
11 पद स्वीकृत, केवल 3 पर नियुक्ति
याचिका में यह भी उजागर हुआ कि सेंदरी के एकमात्र राज्य मानसिक चिकित्सालय में 11 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन केवल 3 पदों पर ही मनोचिकित्सकों की नियुक्ति हुई थी। शासन ने अब 4 की नियुक्ति की बात कही है, जिसमें 1 ईएनटी और 1 आर्थोपेडिक विशेषज्ञ भी शामिल हैं।
हाईकोर्ट के लगातार निर्देशों से हुआ सुधार
हाईकोर्ट ने पूर्व में भी सरकार से मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना, रिक्त पदों की पूर्ति, और सुविधाओं में सुधार को लेकर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी। सेंदरी अस्पताल में बेड की संख्या 200 तक बढ़ाने, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और वार्ड बॉय की नियुक्ति सहित जरूरी सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए तेज गति से काम करने का निर्देश दिया गया था।
बजट को लेकर भी जताई नाराजगी
हाईकोर्ट ने पहले की सुनवाई में सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि 2017 में ही सेंदरी अस्पताल को 200 बेड का घोषित किया गया था, लेकिन 7 साल में भी बजट तय नहीं हो पाया, जो अत्यंत लापरवाही है। कोर्ट ने इस प्रक्रिया में तेजी लाने और लंबित नियुक्तियों को जल्द पूर्ण करने को कहा है।