दुर्ग। छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का काफिला रोके जाने को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। आज जामुल थाना घेराव के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब कांग्रेस कार्यकर्ता बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

भूपेश बघेल की तीखी प्रतिक्रिया
इस लाठीचार्ज पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दुर्ग पुलिस की कड़ी आलोचना करते हुए लिखा, “एसपी दुर्ग और उनके आका ठीक से समझ लें। सत्ता उलटती-पलटती रहती है, काम ऐसे ही कीजिएगा कि भविष्य में आंख मिला सकें।” भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन का आरोप लगाते हुए कहा कि शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन को भी बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है। उन्होंने आगे लिखा, “भाजपा सरकार और खासकर उनके आदेश का पालन कर रहे नौकरशाह कान खोलकर सुन लें। सत्ता की गोद में बैठकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करवाना याद रहेगा।”

बजरंग दल के खिलाफ कार्रवाई की मांग
इस घटना की पृष्ठभूमि में 24 अगस्त को हुई एक घटना है, जब भिलाई 3 के सिरसा गेट पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भूपेश बघेल के काफिले को रोक दिया था। बघेल का आरोप है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उनके सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की और गाली-गलौज की। इस घटना के बाद से कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है। इसी मांग को लेकर आज जामुल थाना के सामने कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।

तनाव का बढ़ता दायरा
बजरंग दल और कांग्रेस के बीच तनाव की शुरुआत 22 अगस्त को हुई जब भिलाई में जिम संचालक पुष्पराज सिंह और शकील नामक युवक के बीच मामूली विवाद हुआ। विवाद के बाद दोनों पक्षों ने अपने-अपने साथियों को बुलाया और स्थिति बिगड़ गई। बजरंग दल के नेताओं ने शकील और उसके साथियों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद यह विवाद बढ़ता चला गया। 24 अगस्त को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भिलाई-3 के सिरसा गेट पर भूपेश बघेल का काफिला रोका, जिससे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया।

इस मामले में पुलिस ने वायरल वीडियो के माध्यम से पहचान कर आरोपियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। लेकिन, तीन दिन पहले हुए विवाद को और बढ़ाते हुए सभापति कृष्ण चंद्राकर ने कांग्रेस के पार्षद बी. रमन्ना, अभिषेक वर्मा और अपने समर्थकों के साथ मिलकर जिम संचालक अमित लखवानी के साथी पर जिम में घुसकर मारपीट की। इसके बाद उन्हें पकड़कर थाने लाया गया, जहां भी उन पर मारपीट करने का आरोप लगा है। इस घटना से जिम संचालक के समर्थक आक्रोशित हो गए। इस दौरान भाजयुमो भिलाई के कार्यकर्ताओं के साथ विधायक रिकेश सेन भी भिलाई-3 थाने पहुंचे और कृष्ण चंद्राकर सहित अन्य दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।  इस मामले में सभापति सहित अन्य पर किडनैप का अपराध दर्ज किया गया है। उन्हें फरार बताया जा रहा है।

कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन और लाठीचार्ज
भूपेश बघेल के काफिले को रोकने की घटना के बाद कांग्रेस ने इसका विरोध करने के लिए प्रदर्शन शुरू किया। 28 अगस्त को इसके विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भिलाई -3 थाने का घेराव किया। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच टकराव हुआ और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। नगर पालिका कुम्हारी के सभापति राजेश्वर सोनकर और जामुल थाना के टीआई कपिल पांडेय भी इस लाठीचार्ज में घायल हुए।

भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने बिना अनुमति के प्रदर्शन किया और पुलिस को उकसाया, जबकि कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाया है। इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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