केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान रायपुर में एक बड़ा बयान देते हुए कहा था कि देश को मार्च 2026 तक नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा। उनके इस बयान पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अमित शाह पिछले 10 वर्षों से नक्सलवाद को खत्म करने की बात कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए उनके पास कोई ठोस नीति या योजना नहीं है।

दीपक बैज ने आरोप लगाया कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से फर्जी मुठभेड़ें बढ़ गई हैं और बस्तर जैसे क्षेत्रों में दहशत का माहौल बन गया है। उन्होंने कहा, “गृह मंत्री के क्षेत्र में अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। पहले अपने क्षेत्र में अपराधियों को पकड़ें, फिर पाताल से नक्सलियों को खोजने की बात करें। बस्तर के जंगलों में उन्हें नक्सली तो दूर, एक मक्खी भी नहीं मिलने वाली है।”

बैज ने शाह के बयान को झूठा करार देते हुए कहा, “क्या अमित शाह पहली बार केंद्र में आए हैं? वे पिछले 10 वर्षों से नक्सलवाद खत्म करने की बातें कर रहे हैं। उन्होंने 2015, 2018, 2020, और 2022 तक नक्सलवाद के सफाये की तारीखें दीं, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। यह केवल राजनीति करने का एक माध्यम बन गया है।”

कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश में नक्सलियों के नाम पर स्थानीय आदिवासियों के फर्जी एनकाउंटर की घटनाएं बढ़ी हैं। पिछले 8 महीनों में भाजपा सरकार के दौरान 30 से अधिक आदिवासी मारे गए हैं। कांग्रेस ने बीजापुर के पीडिया में 10 मई को हुई कथित मुठभेड़ का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें मारे गए 12 लोगों में से 10 स्थानीय निर्दोष ग्रामीण थे, जिन्हें पेड़ पर चढ़े हुए हालत में घेरकर गोली मारी गई थी। बावजूद इसके, सरकार ने न्यायिक जांच की मांग को खारिज कर दिया।

ज्ञात हो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवा रायपुर के मेफेयर लेक रिसोर्ट में नक्सल प्रभावित सात राज्यों की वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर समीक्षा और अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक में कहा था, “नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है। अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए।”

 

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