बिलासपुर। नगर निगम ने शहर की सड़कों, डिवाइडर और विद्युत खंभों से अवैध रूप से लगाए गए बैनर-पोस्टरों को हटाने के लिए देर रात विशेष अभियान चलाया। इस दौरान 300 से अधिक अवैध बैनर और पोस्टर हटाए गए। कार्रवाई के तहत तीन क्लिनिक और एक अन्य संस्था पर कुल ₹80 हजार का जुर्माना लगाया गया है।

एमआईसी के निर्णय के बाद रात में चला शहरभर में अभियान

मंगलवार को नगर निगम की एमआईसी बैठक में निर्णय लिया गया था कि बिना अनुमति के किसी भी शासकीय संपत्ति — जैसे सड़क, डिवाइडर, चौक-चौराहा, विद्युत पोल आदि — पर बैनर या पोस्टर लगाना प्रतिबंधित होगा। इसी के तहत निगम आयुक्त अमित कुमार के निर्देश पर सभी जोन और अतिक्रमण शाखा की संयुक्त टीमों ने देर रात शहरभर में अभियान चलाया।

तीन नामी क्लीनिक और एक संस्था पर जुर्माना

कार्यवाही के दौरान मंगला, वेयरहाउस और कोनी रोड जैसे इलाकों में अवैध प्रचार सामग्री पाई गई। निगम ने कार्रवाई करते हुए इन संस्थानों पर जुर्माना लगाया:

  • लोटस चिल्ड्रन हॉस्पिटल – ₹20,000
  • मैक्स क्लिनिक – ₹20,000
  • युक्ति लिवर एंड गैस्ट्रो केयर – ₹20,000
  • कोनी रोड पर जन्मदिन बैनर लगाने वाले पर – ₹20,000

 मुद्रक का नाम अनिवार्य, नहीं तो वसूली दोनों से

एमआईसी के अनुसार, भविष्य में हर फ्लेक्स-बैनर पर मुद्रक (प्रिंटिंग करने वाले) का नाम अनिवार्य होगा। अगर किसी फ्लेक्स को अवैध पाया गया, तो जुर्माने की राशि का 50 प्रतिशत फ्लेक्स छपवाने वाले और 50 प्रतिशत मुद्रक से वसूला जाएगा।

राजनीतिक दलों व व्यवसायियों को दी गई चेतावनी

बुधवार को निगम प्रशासन ने शहर के सभी प्रिंटर्स, टेंट व्यवसायियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर यह स्पष्ट कर दिया कि भविष्य में शासकीय संपत्ति पर किसी भी तरह की प्रचार सामग्री लगाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। उल्लंघन की स्थिति में सामग्री जब्त की जाएगी और विधिसम्मत कार्रवाई होगी।

इंस्टीट्यूट पर लगा था ₹50 हजार जुर्माना

डिवाइडर और पोल पर अवैध प्रचार सामग्री लगाने पर मंगलवार को आचार्य इंस्टीट्यूट पर ₹50 हजार का जुर्माना लगाया गया था। निगम के निर्देश पर 24 घंटे के भीतर संस्थान ने जुर्माना राशि का भुगतान कर दिया।

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