बिलासपुर। अरपा भैंसाझार नहर मुआवजा घोटाले में बड़ी कार्रवाई हुई है। राजस्व निरीक्षक (आरआई) मुकेश साहू को जांच में दोषी पाए जाने के बाद भू-अभिलेख संचालक ने बर्खास्त कर दिया है। जांच में उनके खिलाफ आरोप सही पाए गए, जिनमें फर्जी खसरा नंबर, भूमि अधिग्रहण में हेरफेर और अवैध मुआवजा वितरण शामिल है। इससे पहले इसी मामले में पटवारी दिलशाद अहमद को भी निलंबित किया जा चुका है।

अब कमिश्नर महादेव कावरे ने घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को दोबारा पत्र लिखा है। इसमें पूर्व एसडीएम, नायब तहसीलदार और सिंचाई विभाग के अफसरों के नाम शामिल हैं।


कैसे सामने आया घोटाला?

सकरी के हल्का नंबर 45 में पदस्थ राजस्व निरीक्षक मुकेश साहू पर भू-अर्जन प्रक्रिया में हेरफेर का आरोप था। इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की गई थी।

जांच में यह सामने आया कि तत्कालीन पटवारी मुकेश साहू ने भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक 85/अ-82/2017-18 में चार अलग-अलग रकबे दिखाते हुए गलत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इसके अलावा, उन्होंने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के बटांकित खसरा नंबरों को मर्ज कर दिया था।

जांच रिपोर्ट के आधार पर 24 जुलाई 2021 को उन्हें दोषी ठहराया गया और अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई। जवाब संतोषजनक न मिलने पर 26 जुलाई 2021 को उन्हें निलंबित कर दिया गया था।


जांच में हुआ करोड़ों के फर्जी भुगतान का खुलासा

घोटाले की जांच में सामने आया कि कुछ लोगों को नियमों के विरुद्ध करोड़ों रुपये का मुआवजा दिया गया।

खसरा नंबर अवैध भुगतान (लाखों में)
1/6 304.8
1/4 95.14
1/4 37.37
9/5 76.51
10/4 81.38
18/9 ख 64.03
19 88.76
42/17 41.31
42/7 65.80
42/5 67.74
44/21 63.98

किन अधिकारियों पर होगी कार्रवाई?

मुआवजा घोटाले में शामिल अधिकारियों पर शासन स्तर से कार्रवाई की सिफारिश की गई है। कमिश्नर महादेव कावरे ने सरकार को पत्र लिखकर इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

कार्रवाई की सिफारिश जिन अधिकारियों पर हुई:

  • कीर्तिमान सिंह राठौर (पूर्व एसडीएम)
  • आनंद रूप तिवारी (पूर्व एसडीएम, वर्तमान आरटीओ)
  • मोहर साय सिदार (तत्कालीन नायब तहसीलदार)
  • हुल सिंह (तत्कालीन राजस्व निरीक्षक)
  • आरएस नायडू, एके तिवारी (ईई सिंचाई विभाग)
  • राजेंद्र प्रसाद मिश्रा, आरपी द्विवेदी (एसडीओ)
  • आरके राजपूत (उप अभियंता)

कैसे हुआ बीस गुना मुआवजा लेने का खेल?

खेल 1: भूमि की कैटेगरी बदलकर बढ़ाया मुआवजा

सरकारी मुआवजे की दरें कृषि भूमि और डायवर्टेड भूमि के लिए अलग-अलग होती हैं। डायवर्टेड भूमि का मुआवजा कृषि भूमि की तुलना में 20 गुना अधिक होता है।
इस घोटाले में दूर स्थित डायवर्टेड जमीन को अधिग्रहण क्षेत्र में दिखाकर अधिक मुआवजा लिया गया।

खेल 2: नहर के लिए अधिग्रहित भूमि का गलत वर्गीकरण

अधिग्रहित भूमि के नक्शे में छेड़छाड़ कर नहर के समांतर (हॉरिजेंटल) स्थित जमीन को लंबवत (वर्टिकल) दिखाया गया। इससे जमीन का मुआवजा कई गुना बढ़ गया और सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।


कमिश्नर बोले – शासन स्तर से होगी कार्रवाई

महादेव कावरे, कमिश्नर, बिलासपुर संभाग ने कहा:
“अरपा भैंसाझार मुआवजा मामले में जिन अधिकारियों पर कार्रवाई होनी है, उसके लिए हमने शासन को पत्र लिखा है। शासन स्तर से उन पर निर्णय लिया जाएगा।”

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