बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने अरपा नदी के उद्गम स्थल संरक्षण और विकास के लिए 12.53 करोड़ रुपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी है। पहले इस प्रोजेक्ट के लिए 7.88 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे, लेकिन अब अतिरिक्त बजट मिलने से कामों में तेजी आएगी।

इस राशि से लगभग 7 करोड़ रुपए में कुंड बनाया जाएगा और पांच एकड़ भूमि पर विकास कार्य किए जाएंगे। साथ ही जमीन अधिग्रहण और निर्माण कार्य 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

कुंड, स्टाप डेम- 5 एकड़ में विकास कार्य 

इस योजना के तहत उद्गम स्थल पर कुंड और स्टॉप डेम का निर्माण होगा ताकि नदी में सालभर पानी का प्रवाह बना रहे। पांच एकड़ क्षेत्र में विकास कार्य किए जाएंगे और अवैध कब्जे हटाए जाएंगे। नगर निगम, वन विभाग और जल संसाधन विभाग मिलकर मिट्टी कटाव रोकने, जल संरक्षण और नदी के जल प्रवाह को बनाए रखने पर काम करेंगे। इसके लिए आईआईटी भिलाई भी सर्वे और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में मदद कर रहा है।

संघर्ष लगातार जारी, हाईकोर्ट में भी पीआईएल

अरपा नदी को बचाने की लड़ाई पिछले 20 सालों से जारी है। वर्ष 2016 में पेंड्रा में भूमि पाटे जाने के बाद लोगों ने अरपा उद्गम स्थल संरक्षण समिति और बिलासा कला मंच के बैनर तले आंदोलन शुरू किया। सरक्षक रामनिवास तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी और अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ल ने जनहित याचिका दायर की। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन को समय सीमा तय कर कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया था।

हर साल बिलासा कला मंच की ओर से ‘अरपा बचाओ यात्रा’ भी निकाली जाती है, जो लगातार 20 वर्षों से जारी है।

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