बिलासपुर। शिक्षिका के रेप के आरोपी शिक्षक को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को रेप के ठोस साक्ष्य नहीं मिले, बल्कि यह पाया गया कि शिक्षिका ने ही संबंध बनाने की सहमति दी थी। मामला बलौदाबाजार की एक शिक्षिका का है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि जुलाई 2018 में, जब वह अपने किराए के मकान में अकेली थीं, तो मीडिल स्कूल के शिक्षक उनके घर आए। आरोपी शिक्षक ने उनके बच्चे को चॉकलेट और 100 रुपये देकर बाहर भेजा और फिर शादी का प्रलोभन देकर कथित रूप से उनके साथ रेप किया।

शिक्षिका के अनुसार, जब उन्होंने शादी के लिए मना कर दिया, तो आरोपी ने बच्चे को जान से मारने की धमकी देकर उनके साथ जबरन संबंध बनाए। इस मामले में पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज किया, लेकिन जब अपराध सिद्ध नहीं हो सका, तो निचली अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया। इस फैसले को पीड़िता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान पीड़िता यह साबित नहीं कर सकी कि उसके साथ जबरदस्ती की गई थी। अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि जब घटना हुई, तो पीड़िता ने वहां मौजूद अन्य किरायेदारों को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी। गवाहों के अनुसार, आरोपी शिक्षक ने पीड़िता को गांव की प्रथा के तहत चूड़ी पहनाकर अपने गांव ले गया था, जहां दोनों ने तीन-चार दिन बिताए थे। इन तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने माना कि संबंध सहमति से बने थे और पीड़िता की याचिका को खारिज कर दिया।

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