जगदलपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर अब नक्सलवाद की छाया से निकलकर निवेश और विकास की नयी रोशनी में कदम रख रहा है। उन्होंने ‘छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट’ कार्यक्रम में कहा कि 2026 तक बस्तर पूरी तरह नक्सलमुक्त होकर विकास की रफ्तार से दौड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नई औद्योगिक नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “परफॉर्म, रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” मंत्र पर आधारित है। इस नीति के तहत उद्योगों के लिए बड़े प्रोत्साहन, अनुदान और 350 से अधिक सुधार किए गए हैं। अब तक लगभग 6.95 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। खासकर आईटी, एआई, फार्मा, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है।
साय ने कहा कि बस्तर में छोटे-बड़े औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। जगदलपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, कोंडागांव और बीजापुर में नए औद्योगिक जोन स्थापित हो रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी बस्तर तेजी से आगे बढ़ रहा है — जगदलपुर हवाई अड्डा अपग्रेड किया गया है, विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे और नई रेल परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।
सरकार ने यह भी तय किया है कि 1000 करोड़ से अधिक निवेश करने वाले या 1000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाले उद्योगों को अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी। surrendered नक्सलियों को रोजगार देने पर वेतन का 40% तक अनुदान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर भारत का स्वर्ग है और यहां पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। पर्यटन, होटल, इको-टूरिज्म और वेलनेस सेक्टर में निवेश करने वालों को 45% तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसके साथ ही कौशल विकास केंद्रों की स्थापना से बस्तर के युवाओं को उद्योगों में रोजगार का सीधा अवसर मिलेगा।