रायपुर। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के मुनगा गांव में 15 मई 1975 को हुए देश के पहले सामूहिक विवाह की आज स्वर्ण जयंती (50 वर्ष) मनाई जा रही है। यह ऐतिहासिक आयोजन सामाजिक चेतना का प्रतीक बना। इसका प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो और बीबीसी लंदन से भी हुआ। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्वयं बधाई संदेश भेजकर आयोजन की सराहना की थी।

गांव की धरती पर इतिहास: 27 जोड़े, हजारों गवाह

इस सामूहिक विवाह में साहू समाज के 27 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया था, जिसे देखने के लिए करीब 30 हजार लोग मुनगा गांव में जुटे थे। आयोजन इतना प्रभावशाली था कि कई लोग दो दिन तक गांव में रुक कर इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। मिट्टी के गिलास और बर्तनों में लोगों को भोजन परोसा गया था, जिसे गांववासियों ने स्वयं तैयार किया था।

आज भी जीवित हैं 20 जोड़े

इस आयोजन की खास बात यह भी रही कि विवाहित सभी 27 जोड़ों ने जीवनभर साथ निभाया—पचास वर्षों में एक भी तलाक का मामला सामने नहीं आया। आज भी इनमें से 20 जोड़े जीवित हैं और आज आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में वे विशेष अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं।

मां की गोद में देखा मौसी का विवाह

महासमुंद के पूर्व सांसद चुन्नीलाल साहू बताते हैं कि वे खुद इस आयोजन के गवाह रहे हैं। उन्होंने बताया, “मैंने अपनी मां की गोद में बैठकर अपनी मौसी की शादी होते देखी थी। यह सिर्फ शादी नहीं थी, सामाजिक बदलाव की शुरुआत थी।”

आंदोलन बना आयोजन, इंदिरा गांधी से लेकर बीबीसी तक पहुंचा संदेश

प्रो. घनाराम साहू, जो उस समय 15 वर्ष के थे, बताते हैं कि यह आयोजन रायपुर जिला साहू संघ के अध्यक्ष स्व. जीवनलाल साव के नेतृत्व में शुरू हुआ था। हालांकि, आयोजन से कुछ पहले उन्हें मीसा एक्ट में गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन फिर भी कार्यक्रम पूरे जोश से सम्पन्न हुआ। स्व. नाथूराम साहू, स्व. जइत राम साव, स्व. कृष्णा साहू, स्व. आशाराम साहू, परसराम चंद्राकर सहित कई सामाजिक नेताओं ने आयोजन को सफल बनाया। विवाह का संचालन गायत्री परिवार के स्व. ज्वाला प्रसाद शर्मा और नरेंद्र दुबे ने किया।

सरकारी योजनाओं की प्रेरणा बना मुनगा का विवाह

1976 में बागबाहरा में आयोजित दूसरे सामूहिक विवाह का भी प्रसारण दूरदर्शन और बीबीसी से हुआ, जिसने इस अभियान को और व्यापक किया। इसकी सफलता से प्रेरित होकर छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश सरकारों ने सामूहिक विवाह योजनाएं प्रारंभ कीं।
2004 में डॉ. रमन सिंह की सरकार ने इसे छत्तीसगढ़ की राज्य योजना का हिस्सा बनाया।

गोल्डन बुक में दर्ज हुआ नाम

संत माता कर्मा आश्रम समिति रायपुर द्वारा लगातार किए जा रहे आदर्श सामूहिक विवाह आयोजन को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है।

आज मुनगा गांव में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में न केवल साहू समाज, बल्कि मरार और बिंझवार समाज के जोड़ों का भी विवाह कराया जा रहा है। आयोजन एक बार फिर सामाजिक एकता, परंपरा और समरसता का संदेश दे रहा है।

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