रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के पंडरिया क्षेत्र के कामठी गांव में रविवार को मंदिर परिसर में झंडा लगाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। दुर्गा मंदिर में हिंदू संगठन ने पंडाल और झंडे लगाए थे, वहीं गोंडवाना समाज ने उसी मंदिर में अपना सतरंगी झंडा फहरा दिया। इसी बात पर दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की और मारपीट हो गई।
झड़प और लाठीचार्ज
जानकारी के अनुसार सुबह करीब 10 बजे से विवाद शुरू हुआ। बड़ी संख्या में पहुंचे आदिवासी समाज के लोगों ने मंदिर से पंडाल-झंडा उखाड़ फेंका और मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। विरोध में हिंदू संगठन सक्रिय हुआ और देखते ही देखते बवाल बढ़ गया।
स्थिति काबू से बाहर होने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। झड़प में दो दर्जन से अधिक लोग जख्मी हुए। घायलों को एंबुलेंस से कुकदुर और पंडरिया अस्पताल भेजा गया, जिनमें से अधिकांश को प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया गया है। 10 लोगों को कवर्धा रेफर भी किया गया।
पुलिस का भीड़ से टकराव
हंगामे के दौरान भीड़ ने पंडरिया SDOP भूपत सिंह धनेश्री का कॉलर पकड़ लिया। वहीं एक गर्भवती महिला आरक्षक गंभीर रूप से घायल हो गई और उसका हाथ टूट गया। आक्रोशित महिलाओं ने मंदिर की बाउंड्रीवॉल भी तोड़ दी।
प्रशासन का हस्तक्षेप
स्थिति को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। कवर्धा एसपी धर्मेंद्र सिंह छवाई ने बताया—
“धार्मिक स्थल पर पंडाल तोड़ने को लेकर विवाद हुआ था। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। पूर्व में जो परंपरा थी, उसी अनुसार प्रतिमा स्थापना की व्यवस्था बनाई गई है। गांव में शांति बनी रहे, इसके लिए पुलिस बल तैनात है।”
विवाद की पृष्ठभूमि
कामठी गांव का यह मंदिर प्राचीन है, जहां ग्रामीण वर्षों से पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। पिछले वर्ष भी नवरात्रि के दौरान दुर्गा प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद हुआ था। शनिवार को भी झड़प हुई थी। पुलिस ने समझाइश देकर शांत कराया था। लेकिन अंदरूनी नाराजगी बनी रही और दोबारा विवाद उग्र हो गया
गोंडवाना समाज का दृष्टिकोण
गोंडवाना समाज ने मंदिर का नया नामकरण कर वहां अपना सतरंगी झंडा लगाया। उनका कहना है कि यह झंडा गोंडी संस्कृति और पहचान का प्रतीक है। इसमें साहस, ज्ञान, प्रकृति, शांति, आध्यात्मिकता, प्रेम और संघर्ष जैसे मूल्यों का प्रतिनिधित्व है। यह झंडा गोंड समाज की एकता और जल-जंगल-जमीन के अधिकार की भावना को दर्शाता है।
सरकारी अधिग्रहण
विवाद को देखते हुए प्रशासन ने संबंधित धार्मिक स्थल को शासकीय घोषित कर दिया है। पुलिस और प्रशासन दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।