मृतक की मां की याचिका पर हाईकोर्ट का आदेश
बिलासपुर। कोरबा जिले में पुलिस हिरासत में हुई एक युवक की संदिग्ध मौत के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मृतक की मां को 2 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि सुरेश हथठेल की मौत राज्य के कर्मचारियों की लापरवाही का नतीजा है, और सरकार को अपने कर्मचारियों के अत्याचारों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
❖ हाईकोर्ट का आदेश: 8 हफ्ते में मुआवजा दो
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की डिवीजन बेंच ने यह आदेश मृतक की मां प्रेमा हथठेल द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया। कोर्ट ने राज्य सरकार के गृह विभाग सचिव या पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया है कि वे प्रेमा हथठेल को आठ हफ्तों के भीतर दो लाख रुपये का मुआवजा दें। यदि तय समय पर भुगतान नहीं होता, तो राशि पर 9% वार्षिक ब्याज लगेगा।
❖ पोस्टमॉर्टम में चोटों के निशान, CCTV फुटेज भी गायब
याचिकाकर्ता ने अदालत से स्वतंत्र जांच (CBI सहित), पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, पुलिस थाने की CCTV फुटेज और मुआवजे की मांग की थी।
हालांकि दंडाधिकारी जांच में मौत की वजह दिल का दौरा (मायोकार्डियल इन्फेक्शन) बताई गई, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गंभीर चोटों की पुष्टि हुई।
इनमें शामिल हैं:
- माथे पर खरोंच,
- बाएं हाथ की बांह पर खरोंच,
- बाएं घुटने पर कई खरोंच,
- घुटने की हड्डी (पटेला) में फ्रैक्चर,
- और बाएं पैर में गहरा जख्म।
पीड़िता के वकील अंशुल तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार का यह दावा कि युवक रेलवे ट्रैक पर गिरा, तथ्यों और सबूतों से मेल नहीं खाता।
उन्होंने यह भी कहा कि 2:47 बजे के बाद की CCTV फुटेज गायब है, और ‘बिजली कटौती’ की बात साबित नहीं हुई।
❖ राज्य की सफाई, कोर्ट ने नहीं मानी
राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि सुरेश शराब का आदी था और उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई, न कि चोटों से।
लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इनकार करते हुए कहा कि हिरासत में हुई मौतों में राज्य की जवाबदेही तय होती है।
❖ सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला
कोर्ट ने नीलाबती बेहेरा बनाम उड़ीसा राज्य और सहेली बनाम पुलिस आयुक्त जैसे सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि
संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) का उल्लंघन हुआ है और इस पर मुआवजा जरूरी है।
❖ 11 महीने पहले की कोरबा की घटना
यह मामला 20 जुलाई 2024 की उस घटना से जुड़ा है, जब कोरबा जिले के बुधवारी मोहल्ले के रहने वाले 27 वर्षीय सूरज उर्फ सुरेश हथठेल की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत हुई थी।
हिरासत से मौत तक की पूरी कहानी:
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- सूरज हथठेल पर हत्या की कोशिश, बलवा, आर्म्स एक्ट सहित 14 आपराधिक मामले दर्ज थे।
- 19-20 जुलाई की रात 1:40 बजे दर्री पुलिस ने उसे हिरासत में लिया, फिर सिविल लाइन थाने लाया गया।
- सुबह 5:45 बजे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
- शव पर चोटों के निशान पाए गए थे, जिससे मामला संदिग्ध बन गया।
- इस मामले में दो पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए थे।
- पुलिस का कहना था कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत का सही कारण पता चलेगा। रिपोर्ट से चोटों की पुष्टि हुई।