गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। प्राकृतिक खूबसूरती और पर्यटन विकास में अपनी विशेष पहचान बनाने वाले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले को इको-टूरिज्म साइट 2025 के लिए राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर में आयोजित समारोह में पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल और पर्यटन मंडल की अध्यक्ष नीलू शर्मा ने कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी को प्रदान किया।
राजमेरगढ़ बना पर्यटन का केंद्र
यह पुरस्कार जिले की सबसे ऊंची पर्वत चोटी राजमेरगढ़ पर्यटन क्षेत्र में पर्यावरणीय पर्यटन विकास के उत्कृष्ट प्रयासों के लिए दिया गया। राजमेरगढ़ अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए पहले से ही प्रसिद्ध है। हाल के वर्षों में जिला प्रशासन, स्थानीय समुदाय और पर्यावरणविदों के समन्वित प्रयासों से इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाया गया है।
कलेक्टर ने साझा की खुशी
कलेक्टर लीना मंडावी ने कहा कि यह सम्मान जिले के सभी नागरिकों, पर्यावरण प्रेमियों और प्रशासनिक टीम की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने कहा—
“राजमेरगढ़ को एक मॉडल इको-टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का सपना अब हकीकत की ओर बढ़ रहा है।”
पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा
विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि केवल जीपीएम जिले तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगी। सतत और जिम्मेदार पर्यटन की दिशा में यह पहल आने वाले समय में आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय समृद्धि के नए अवसर खोलेगी।
अंत में पर्यटन मंत्री और कलेक्टर ने जिलेवासियों को इस सफलता के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं।













