ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर दर्ज की नई एफआईआर

रायपुर। कोयला लेवी वसूली मामले में गिरफ्तार चल रही निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू और कारोबारी दीपेश टांक को आज सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। मगर, आज ही ईओडब्ल्यू ने रानू साहू सहित अन्य लोगों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का अपराध दर्ज कर लिया है। इसके चलते उन्हें रिहा मिलने के बाद फिर से गिरफ्तार किया जा सकता है।
2010 बैच की आईएएस रानू साहू को 22 जुलाई 2023 को प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला लेवी वसूली मामले में गिरफ्तार किया था। उनके ऊपर कोरबा में कलेक्टर रहने के दौरान कोयला लेवी वसूली में शामिल होने, मनी लॉंड्रिंग और डीएमएफ में गड़बड़ी करने का आरोप है। इस मामले में निलंबित आईएएस समीर विश्नोई,  राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया सहित कई कारोबारी आरोपी हैं और अधिकांश लोग जेल में बंद हैं। ट्रायल कोर्ट व हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी निरस्त होने के बाद रानू साहू की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस भुवन की डिवीजन बेंच ने रानू साहू तथा कारोबारी दीपेश टांक को 7 अगस्त तक के लिए जमानत दी है। टांक भी करीब डेढ़ साल से जेल में बंद है। सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने आरोपियों की पैरवी की।
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने आज ही आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर रानू साहू, सौम्या चौरसिया और समीर विश्नोई के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की है। रानू साहू पर करीब 4 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति, नगद, बीमा तथा शेयर के लिए राशि अर्जित करने का आरोप है। ईओडब्ल्यू इस एफआईआर के बाद रानू साहू को फिर से गिरफ्तार कर सकती है।

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