बिलासपुर। कोविड-19 वैक्सीन की लगातार कमी के कारण टीकाकरण अभियान में बार-बार आ रही बाधा को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। राज्य सरकार को शपथ-पत्र के साथ जवाब दाखिल करने कहा गया है कि हालात सुधारने के लिए वह क्या कार्रवाई करने जा रही है।
हाईकोर्ट में कोविड-19 टीकाकरण को लेकर अधिवक्ता शैलेंद्र दुबे सहित अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान भी लिया था। अधिवक्ता दुबे ने उत्तर प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक आदि राज्यों का उदाहरण देते हुए छत्तीसगढ़ में भी वैक्सीन की कमी के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने की मांग की है। इस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए पूछा कि आप सिर्फ केंद्र के भरोसे बैठे हैं या फिर राज्य शासन ने भी वैक्सीन लगाने उपलब्ध कराने के लिए कोई कार्य योजना बनाई है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील हिमांशु सिन्हा ने कोर्ट से कहा कि देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। दूसरी ओर टीका उपलब्ध नहीं होने के कारण राज्य में पिछले 6 दिनों से सरकारी टीकाकरण बंद है,, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में यह उपलब्ध है। वकील ने कहा कि क्या जानबूझकर प्राइवेट अस्पतालों को टीके उपलब्ध करवाए जा रहे हैं? वैक्सीन की कमी दूर करने के लिए अब तक की गई कार्रवाई और भविष्य की योजना के बारे में शपथ पत्र के साथ राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश एक्टिंग चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने दिया है। प्रकरण की अगली सुनवाई 5 अगस्त तय की गई है।