डीजीपी ने कहा-शिकायकर्ता और पुलिस अधिकारी की भूमिका भी जांच के दायरे में होगी

रायपुर। अम्बिकापुर के पत्रकार मनीष सोनी के विरुद्ध सरगुजा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को एकतरफा और द्वेषपूर्ण बताते हुए आज रायपुर के पत्रकारों ने पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने इस मामले की सीआईडी जांच का निर्देश दिया है और 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है।

डीजीपी डीएम अवस्थी को ज्ञापन सौंपते हुए पत्रकारों ने कहा कि न्यूज 24 के अम्बिकापुर में पत्रकार मनीष सोनी के ऊपर उनकी एक फेसबुक पोस्ट को लेकर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। इस पोस्ट के खिलाफ स्थानीय भाजपा नेता और विवादित आलोक दुबे ने शिकायत की थी। जिस पोस्ट को लेकर अपराध दर्ज किया गया है वह किसी भी दृष्टि से आपत्तिजनक नहीं है। ये पोस्ट आदिवासियों के हक़ में लिखी गई है। ऐसी पोस्ट सैकड़ों की संख्या में रोजाना होती है।

मनीष सोनी ने अम्बिकापुर के आईजी को एक आवेदन भी दिया है जिसमें पुलिस साजिश की ओर इशारा किया गया है। मनीष ने पुलिस कस्टडी में हुई आदिवासी युवक पंकज बेक की मौत के मामले का खुलासा किया था, जिसकी वजह से पुलिस उससे द्वेष रखती है। शिकायतकर्ता आलोक दुबे कोरोना पीड़ित लोगों के सम्पर्क में आने के बाद भी खुलेआम शहर में घूम रहे थे जिस पर छपी एक ख़बर को भी मनीष सोनी ने शेयर किया था। इसकी वजह से वे भी मनीष के खिलाफ दुर्भावना रखते हैं। पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह एकपक्षीय व विद्वेषपूर्ण है तथा विधिसम्मत नहीं है। मनीष के विरुद्ध मामलों को पुलिस वापस ले और एसपी, थानेदार सहित सभी जांच अधिकारियों को तत्काल हटाया जाये। ज्ञापन सौंपने वालों में रायपुर के पत्रकार रुपेश गुप्ता, नितिन चौबे, लविन्दर पाल सिंघोत्रा, आशीष तिवारी, देवेश तिवारी, आलोक पुतुल, प्रफुल्ल ठाकुर आदि शामिल हैं।

डीजीपी ने कहा है कि शिकायतकर्ता और पुलिस अधिकारी की भूमिका भी सीआईडी जांच के दायरे में रहेगी।

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