बिलासपुर। केंद्रीय कोयला एवं खान राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में कोयला उद्योग का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। अपने दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान उन्होंने एसईसीएल के दीपका मेगाप्रोजेक्ट का दौरा किया और कोयला क्षेत्र की प्रगति की सराहना की।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में कोयला क्षेत्र ने अभूतपूर्व तरक्की की है। पहले जहां कोयले की कमी की बात होती थी, वहीं आज बिजली संयंत्रों के पास पर्याप्त कोयला भंडार है, जिससे ऊर्जा उत्पादन बिना रुकावट चल रहा है। कोयला उत्पादन के साथ-साथ हम हरित खनन और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता पर भी ध्यान दे रहे हैं। कोल इंडिया अब क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में भी काम कर रहा है। एसईसीएल न केवल ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अग्रणी है, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी आगे है। एसईसीएल की धड़कनजैसी पहल इसका उदाहरण है।”

रायपुर पहुंचने पर मंत्री दुबे ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की और राज्य में कोयला परियोजनाओं के विस्तार के लिए भू-अधिग्रहण और विस्थापन प्रक्रियाओं को तेज करने पर चर्चा की।

दीपका क्षेत्र में पहुंचकर उन्होंने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत प्रगति हाउस में पेड़ लगाए। इसके बाद उन्होंने दीपका क्षेत्र में प्रस्तावित प्रवेश द्वार और सिक्योरिटी कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास किया।

दीपका व्यू पॉइंट पर पहुंचकर मंत्री ने खदान के उत्पादन, उत्पादकता और कार्यप्रणाली की समीक्षा की और अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। एक प्रस्तुतीकरण के जरिए उन्हें दीपका मेगाप्रोजेक्ट की प्रगति, उत्पादन क्षमता और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया गया।

इसके बाद, उन्होंने एक समारोह में उत्कृष्ट महिला कर्मचारियों सहित कई कर्मियों को सम्मानित किया, जिससे उनका हौसला बढ़ा। मंत्री दुबे ठेका श्रमिकों के कैंप भी गए, जहां उन्होंने श्रमिकों से बातचीत की, उनका हालचाल जाना और उनकी सुविधाओं का जायजा लिया।

इस दौरे में एसईसीएल के सीएमडी हरीश दुहन, निदेशक (तकनीकी) एन. फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (एचआर) बिरंची दास, निदेशक (वित्त) डी. सुनील कुमार, सीवीओ हिमांशु जैन, दीपका क्षेत्रीय महाप्रबंधक संजय कुमार मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ मौजूद रहे।

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