खोडरी में जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर आयोजित
बिलासपुर। कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जन समस्याओं का निराकरण केवल शिविर में ही न करें, बल्कि शिविर लगने के पहले से ही क्षेत्र का भ्रमण कर ग्रामीणों की समस्या हल करें। शिविर में केवल ऐसे आवेदन आएं जिनका भ्रमण के दौरान स्थल पर निराकरण नहीं हो पाता है।
गौरेला विकासखंड के ग्राम खोडरी में आयोजित जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर में कलेक्टर ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि वन अधिकार पट्टे के जो आवेदन पहले से आये हैं, उनका निराकरण दो माह के भीतर करने का प्रयास किया जायेगा। इसमें ग्राम सभा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। विद्युत सम्बन्धी आवेदनों का उन्होंने गंभीरता से निराकरण करने कहा।
डॉ. अलंग ने कहा कि पेंशन के अनेक आवेदन शिविर में आए हैं। जिन आवेदकों का नाम बीपीएल सूची में शामिल नहीं हो पाया है, उन्हें मुख्यमंत्री पेंशन योजना के तहत लाभ मिलेगा। इसके लिये तत्काल आवेदन लेकर उनका निराकरण करने का निर्देश कलेक्टर ने दिया। उन्होंने शिविर में उपस्थित लोगों से भी अपनी बातें रखने के लिए कहा।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रितेश कुमार अग्रवाल ने शासन की नई योजना ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी’ की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गांव के नालों के पानी को रोकने के लिए मनरेगा के तहत कार्य किया जायेगा। ग्रामीण इसमें अपनी भागीदारी निभाएं। गौरेला में अब तक पांच गांवों का गोठान बनाने के लिए चयन किया जा चुका है। जो सब्जी उगाना चाहते हैं, उनकी भूमि को मनरेगा के तहत समतल बनाकर दिया जायेगा। उन्होंने अक्षय बाड़ी योजना के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि ऐसी बाड़ी में साल भर उत्पादन लिया जा सकेगा।
शिविर में कुल 114 आवेदन मिले, जिसमें से 75 आवेदनों का स्थल पर ही निराकरण किया गया। शिविर में 8 हितग्राहियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के तहत चेक वितरित किया गया। 4 किसानों को सिंचाई के लिए मोटर पम्प दिया गया। शिविर में शिशुओं का अन्न प्रासन्न और गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की गई। कलेक्टर डॉ. अलंग ने अपने हाथों से कई शिशुओं का अन्न प्रासन्न कराया। शिविर में उपस्थित अधिकारियों ने अपने-अपने विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों की जानकारी दी।