बिलासपुर| छत्तीसगढ़ में एक सरकारी और एक निजी विश्वविद्यालय के बीच नया कोर्स शुरू करने को लेकर अधिकारों की खींचतान बढ़ गई है। मामला भारती विश्वविद्यालय द्वारा अपने कैंपस में बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी (BPT) कोर्स शुरू करने से जुड़ा है।

भारती विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार से इस कोर्स की अनुमति मांगी थी। सरकार ने सशर्त मंजूरी देते हुए कहा कि इसके लिए आयुष विश्वविद्यालय से संबद्धता लेनी होगी। इस शर्त को चुनौती देते हुए भारती विश्वविद्यालय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

विश्वविद्यालय की दलील: हम कॉलेज नहीं

याचिकाकर्ता के वकील संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि विश्वविद्यालय अपने कैंपस में नया संकाय शुरू कर रहा है, न कि कोई नया कॉलेज। इसलिए आयुष विश्वविद्यालय से संबद्धता की जरूरत नहीं है। उनका तर्क था कि विश्वविद्यालय एक स्वतंत्र संस्थान है और UGC से मान्यता प्राप्त है।

उन्होंने कहा कि फिजियोथैरेपी कोर्स के लिए कैम्पस में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया गया है और जांच समिति ने 50 सीटों की सिफारिश भी कर दी है। बावजूद इसके, राज्य सरकार ने कोर्स शुरू करने की मंजूरी आयुष विवि से संबद्धता की शर्त पर दी।

दो विभागों के टकराव से उलझा मामला

राज्य सरकार की चार सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उच्च शिक्षा विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर असमंजस की स्थिति है।

रिपोर्ट के मुताबिक, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन आने वाले पाठ्यक्रमों की अनुमति आयुष विश्वविद्यालय के माध्यम से दी जानी चाहिए। लेकिन उच्च शिक्षा विभाग का कहना है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक्ट 2005 के तहत निजी विश्वविद्यालय किसी भी पाठ्यक्रम को शुरू कर सकते हैं, बशर्ते वह UGC द्वारा मान्यता प्राप्त हो।

केंद्र सरकार की नीति का भी जिक्र

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और यूजीसी के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार निजी विश्वविद्यालयों को अधिक से अधिक कोर्स शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

हाईकोर्ट का निर्देश: एक महीने में निर्णय ले मुख्य सचिव

इस पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की बेंच ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को 30 दिन के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि संबंधित अधिकारी इस मुद्दे को स्पष्ट करें, ताकि भ्रम की स्थिति समाप्त हो सके।

अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 12 अगस्त 2025 की तारीख तय की है।

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