हाईकोर्ट ने कांग्रेस की उस याचिका को खारिज कर दी है जिसमें 50 प्रतिशत मतों की गणना सहित निष्पक्ष मतगणना के लिए चुनाव आयोग को अन्य निर्देश देने की अपील की गई थी। कोर्ट ने कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग को चुनाव प्रक्रिया में किसी नए प्रावधान को जोड़ने का निर्देश हाईकोर्ट की ओर से नहीं दिया जा सकता।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री गिरीश देवांगन और अन्य कांग्रेसजनों की ओर से दायर इस याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की रिट तब सामने है जब मतगणना की प्रक्रिया ठीक शुरू होने वाली है। पीसीसी ने भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य चुनाव पदाधिकारी को लिखे कुछ पत्रों को छोड़कर कोई उपयुक्त सामग्री नहीं डाली है और पहली बार इस विषय को कोर्ट के समक्ष लाया गया है। यह विवरण प्रदान नहीं किया गया है कि किस व्यक्ति या दल विशेष के द्वारा ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है।

याचिका में 50 प्रतिशत गिनती को वीवीपैट मशीन ( वोटर्स वेरिफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल) के जरिये कराने का निर्देश आयोग को देने की मांग की गई है। पूर्व में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भारत निर्वाचन आयोग विरुद्ध अशोक कुमार के केस के मद्देनजर चुनाव आयोग की प्रक्रिया को कोर्ट द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता।  मतगणना की प्रक्रिया 50 प्रतिशत वोटों को वीवी पैट के माध्यम गिनने की प्रक्रिया का निर्देश देना इसी के अन्तर्गत है। संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत यह अधिकार चुनाव आयोग में निहित है। इस प्रकार यह याचिका खारिज की जाती है।

 

 

 

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