बिलासपुर। रायगढ़ तहसील कार्यालय में हुई मारपीट के मामले में बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने पुलिस महानिरीक्षक को पत्र लिखकर अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत वापस लेने का अनुरोध किया है। इधर हाईकोर्ट में अधिवक्ताओं ने राजस्व विभाग के भ्रष्टाचार के खिलाफ पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया।
बीते दिनों रायगढ़ के तहसील कार्यालय में विवाद हो गया था, जिसके बाद कथित रूप से अधिवक्ताओं ने एक लिपिक और बाद में बीच बचाव करने वाले नायब तहसीलदार के साथ मारपीट की थी। अधिवक्ताओं ने राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों पर भी मारपीट तथा भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए काम बंद कर दिया है। राजस्व न्यायालयों में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदेश भर में वकील प्रदर्शन कर रहे हैं, काली पट्टी लगाकर काम कर रहे हैं। रायगढ़ में राजस्व न्यायालय का बहिष्कार भी किया जा रहा है। इधर कनिष्ठ राजस्व अधिकारी संघ ने भी बहिष्कार और दफ्तरों में तालाबंदी का आंदोलन चला रखा है।
इस बीच बार कौंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिरीक्षक अशोक जुनेजा को पत्र लिखकर रायगढ़ में वकीलों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर रद्द करने की मांग की है। बीसीआई के निर्देश पर स्टेट बार कौंसिल के कार्यकारी अध्यक्ष एजी सतीश चंद्र वर्मा ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है, जिसमें दो अधिवक्ता शामिल किये गये हैं। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर शासन से कार्रवाई की मांग की जायेगी।
रायगढ़ के अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी से मुलाकात कर उनके सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि पुलिस ने राजस्व अधिकारियों की शिकायत पर एकतरफा कार्रवाई करते हुए वकीलों के खिलाफ एट्रोसिटी का मामला दर्ज किया है, जबकि उनके साथ भी मारपीट की गई। राजस्व न्यायालय में भ्रष्टाचार व्याप्त है। रुपये नहीं देने पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। चीफ जस्टिस ने पूरे मामले में विधि सम्मत कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इधर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वकीलों के समर्थन में प्रदेशभर में आंदोलन का विस्तार करने का निर्णय लिया है। एसोसियेशन ने कहा है कि प्रदेशभर में वकीलों के साथ हो रही ज्यादती के चलते राज्य सरकार से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की जायेगी। इसके लिये आज भी हाईकोर्ट परिसर में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
हाईकोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं ने राजस्व भष्टाचार के खिलाफ एक प्रतीकात्मक पुतले का दहन भी किया। अधिवक्ताओं ने वकीलों के विरुद्ध गलत तरीके से दर्ज एफआईआर और नायब तहसीलदार द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर करने की तैयारी की है। इसके अलावा एंटी करप्शन ब्यूरो से भी संपत्ति की जांच के लिये शिकायत की गई है।