घंटियां निकाली गई, फल, फूल, नरियल चढ़ाने की मनाही, प्रसाद नहीं बंटेगा, दंडवत प्रणाम पर भी रोक
बिलासपुर। कोरोना महामारी का संक्रमण शुरू होने के बाद से बंद रतनपुर महामाया मंदिर कल सुबह 7 बजे आम लोगों के दर्शन के लिये खुल रहा है। इस दौरान सामाजिक दूरी और सरकार द्वारा निर्धारित दूसरे अन्य दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जायेगा।
विश्व प्रसिद्ध महामाया मंदिर रतनपुर में सुबह सात बजे से रात्रि आठ बजे तक दर्शन किया जा सकेगा। दर्शनार्थियों को कोई भी सामान लेकर अपने साथ प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। सभी को पांच-पांच फिट की दूरी पर बनाई गई पट्टियों में रहते हुए आगे बढ़ना होगा। एक ऑटोमैटिक सैनेटाइजर मशीन लगा दी गई है जिसमें एक बार में तीन मिलीलीटर लिक्विड निकलेगा, इसमें हाथ साफ करने के बाद ही प्रवेश के लिये आगे जाया जा सकेगा। इसकी निगरानी मंदिर के अपने निजी सुरक्षा कर्मी करेंगे। मंदिर के भीतर चढ़ावे के लिए कोई भी सामग्री लेकर प्रवेश करना प्रतिबंधित होगा। वे फल, फूल, नरियल या कोई प्रसाद नहीं ले जा सकेंगे। मूर्तियों को छूना, दंडवत प्रणाम करना, मंदिर परिसर पर बैठना प्रतिबंधित रहेगा। 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग तथा 10 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जायेगा। मंदिर की घंटियों को निकाल दिया गया है ताकि कोई उनमें हाथ नहीं लगा सके। पुजारी प्रसाद का वितरण नहीं करेंगे। एक समय में पांच से अधिक लोग प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
रतनपुर महामाया मंदिर ट्रस्ट की बैठक
महामाया मंदिर के मैनेजिंग ट्रस्टी सुनील सोंथलिया ने बताया कि ट्रस्ट की बैठक में सुनिश्चित किया गया कि दर्शनार्थियों को कोविड 19 के संक्रमण से बचाने के लिए केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन हो। मंदिरों को आम लोगों के लिये खोलने की अनुमति पहले ही मिल चुकी है इसके अनुसार रतनपुर के अन्य मंदिर भैरव बाबा, गिरजाबंद, सिद्धि विनायक आदि 8 जून से ही खुल चुके हैं पर महामाया मंदिर ने पूरी तैयारी करने के उद्देश्य से इसे 15 जून से शुरू करने का निर्णय लिया गया। सोंथलिया ने बताया कि मंदिर बंद रहने के दौरान कई सुधार कार्य भी कर लिये गये। अब मंदिर अधिक भव्य रूप में दिखाई देगा।
मंदिर की व्यवस्थाओं को सुनश्चित करने के लिए हुई ट्रस्ट की बैठक में अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष मनराखन लाल जायसवाल एवं सतीश शर्मा, मैनेंजिग ट्रस्टी सुनील सोन्थलिया, सह-सचिव चन्द्रिका प्रसाद गुप्ता, न्यासी अरुण शर्मा, मोती चंद जायसवाल, कीमती लाल जुनेजा, शरद दुबे, सन्तोष शुक्ला, शक्ति सिंह ठाकुर, धर्मेन्द्र चन्देल, विनोद गोरख एवं मानद ट्रस्टी एस के शुक्ला आर्किटेक्ट उपस्थित थे।
दुकान चलाने वाले परिवार अब भी मायूस
रतनपुर महामाया मंदिर के सामने फल, फूल, पूजा सामग्री की करीब 100 दुकानें लगती हैं। लगभग तीन माह तक इन्हें अपनी दुकानों को लॉकडाउन के कारण बंद करना पड़ा है। वे मंदिर खुलने की प्रतीक्षा में थे। मंदिर तो 15 जून से खुल रहा है लेकिन मंदिर के भीतर कोई भी सामग्री ले जाने की मनाही है। इन परिवारों को इससे मायूसी है। वे अपना सामान नहीं बेच पायेंगे।