बिलासपुर। सिम्स चिकित्सालय में एक मार्च से बाह्य चिकित्सा विभाग मे पंजीयन की व्यवस्था बदली जा रही है। अब ओपीडी में आने वाले हर मरीज का डेटा बेस तैयार होगा, जिससे यह मालूम हो सकेगा कि सिम्स में उसका कब किस बीमारी का उपचार किया गया है।

सिम्स की ओर से बताया गया है कि अब तक ओपीडी में पंजीयन का कार्य नेशनल कम्प्यूटर के पास था, जिसका ठेका समाप्त कर दिया गया है। अब सिम्स के ही मेडिकल रिकार्ड विभाग  कर्मचारियों को ओपीडी पर्ची तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।

एक मार्च से ओपीडी में पहली बार आने वाले मरीजों को अपने आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के साथ काउन्टर पर पंजीयन कराना जरूरी होगा। इसके बाद मरीज का नाम सिम्स के सर्वर पर दर्ज हो जायेगा। अगली बार चिकित्सालय आने पर मरीज को अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बताने पर पर्ची मिल जायेगी। बाह्य रोग विभाग के लिए पंजीयन शुल्क पहले की ही तरह 10 रुपये ही होगा, जो उसी विभाग में सात दिन तक के लिए मान्य होगा। सात दिन के बाद फिर 10 रुपये शुल्क देना होगा। मरीजों का रिकॉर्ड दर्ज होने से उनको बेहतर इलाज मिल सकेगा।

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