बिलासपुर। विभिन्न समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधि तथा जागरूक नागरिकों ने 28 जुलाई को मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की याद में हिंसा व दमन के खिलाफ एक प्रदर्शन किया और प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई को राष्ट्रीय न्याय दिवस मनाने की घोषणा की।

इस मौके पर जारी जेसुइट कांफ्रेंस ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट डॉ. स्टैनिस्लॉस डिसूजा ने कहा कि स्टेन स्वामी ने असमानता, हिंसा, अत्याचार, भेदभाव व बहिष्कार के बीच एक मूक दर्शक बनकर नहीं रहने का संदेश छोड़ा है। उनक मृत्यु अंत नहीं है। यह हमारे देश के संविधान में विश्वास की पुष्टि करने और जागृति लाने का एक क्षण है। फादर स्टेन स्वामी की मौत ने विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों व राष्ट्रीयताओं को मानव परिवार, सृष्टि और न्याय के रास्ते पर चलने के लिये एकजुट किया है।

प्रदर्शनकारियों ने भीमा कोरेगांव मामले में स्टेन स्वामी और अन्य सभी आरोपियों के लिये न्याय की मांग की।

 

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