रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन में बदलाव लाने के साथ-साथ जिलों में मजबूत अधोसंरचना का विकास एवं नागरिक सुविधाओं की बढ़ोतरी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी रायपुर हो या नया जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही दोनों के विकास के लिए राज्य सरकार की प्राथमिकताएं एक जैसी हैं। नये जिले के विकास के लिए संसाधनों की कमी नही होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी रायपुर सहित सभी जिलों का विकास उसकी गरिमा के अनुरूप किया जा रहा है। रायपुर जिले के शहरी क्षेत्रों से उनके आसपास के गांवों के रोड़ नेटवर्क को मजबूत करने का काम लगातार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में रायपुर स्मार्ट योजना क्षेत्र में 74 करोड़ 38 लाख रुपए की राशि से निर्मित होने वाली चौबीसों घंटे-सातों दिनों जल प्रदाय की सुविधा वाली योजना सहित अनेक कार्यो का भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि सड़कों, पुल-पुलियों, बिल्डिंगों के मामले में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही भले ही आज पीछे हो, लेकिन राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और सुराजी गांव योजना का लाभ लेने में पीछे नहीं है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बैगा तथा अनुसूचित जनजाति के 723 किसानों को 300 हेक्टेयर में कोदो की खेती के लिए निःशुल्क बीज का वितरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित गौरेला-पेंड्रा मरवाही जिले में भी कोरोना के खिलाफ बहुत सफलता के साथ लड़ाई लड़ी गई। गौरेला-पेंड्रा मरवाही जिले में वनवासी भाइयों को पिछले दो वर्षों में 1676 लोगों को 603 हेक्टेयर भूमि के व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टे तथा 51 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्रों के जरिए 38,650 हेक्टर से अधिक भूमि पर लोगों को वन संसाधन के अधिकार दिए गए हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में भी अच्छी सफलता मिली है। वर्ष 2019-20 में इस जिले के बच्चों में कुपोषण का प्रतिशत 23.12 था, जो 2020-21 में घटकर 20.46 प्रतिशत हो गया है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों से वंचितों, गरीबों, आदिवासियों, किसानों, महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा किया है। छत्तीसगढ़ के लोगों में जागरूकता आई है। अब वे मुखर होकर बोलने लगे हैं। यहीं छत्तीसगढ़िया की असली पहचान है। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कोरोनाकाल में दिवंगत शासकीय सेवकों के आश्रितों को एक माह के भीतर अनुकंपा नियुक्ति दिलाना, मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल जैसी योजनाओं से छत्तीसगढ़ में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
कार्यक्रम में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का नवगठित जिले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के प्रति विशेष लगाव रहा है। यह जिला नया होने के बावजूद तेजी से विकास कर रहा है। राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा कहा कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, भाषा, परम्परा, तीज-त्यौहारों के जरिए छत्तीसगढ़ की आत्मा को जगाने का काम किया है। इससे छत्तीसगढ़ियों में नया आत्मविश्वास आया है। सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत और श्री अरूण साव, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, विधायक सर्वश्री डॉ. के.के.धु्रव, धनेन्द्र साहू, सत्यनारायण शर्मा, अनिता योगेन्द्र शर्मा, कुलदीप जुनेजा ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विभाग निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू उपस्थित थे।