शहर में कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव शुरू हो गया है। मंदिरों में खूब सजावट की गई है। भजन-आरती ने माहौल भक्तिमय कर दिया है। विशेषकर 75 साल से आयोजित हो रहे सदर बाजार के सामने स्थित वेंकटेश मंदिर और घोंघा बाबा मंदिर के भीतर स्थित बाबा श्याम खाटू के मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।

 

कृष्ण जन्माष्टमी कल तीन सितंबर को मनाया जा रहा है। पर इस उत्सव से जुड़े कार्यक्रम पहले से ही शुरू हो गए हैं। वेंकटेश मंदिर के महंत डॉ कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य ने मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व नागपंचमी से ही प्रारंभ हो जाता है। श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से भगवान श्री कृष्ण का झूला उत्सव प्रारंभ होकर जन्माष्टमी तक मनाया जाता है। यह उत्सव 18 दिवसीय होता था, लेकिन इस वर्ष यह उत्सव 21 दिवसीय है। नागपंचमी से शुरू हुआ यह पर्व सोमवार भाद्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को झूला उत्सव के साथ वेंकटेश मंदिर में हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाएगा। सुबह भगवान का स्नान दूध, दही आदि तत्वों से होगा। इसके बाद वस्त्र पहनाये जाएंगे। इसके बाद भजन कीर्तन का कार्यक्रम प्रारंभ हो जाएगा। शाम 6 बजे भगवान झूले पर विराजमान होंगे। मध्यरात्रि रात 12 बजे भगवान की महाआरती होगी। इसके बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा।


मंदिर की सदस्य व प्राध्यापिका डॉ पूनम त्रिपाठी ने बताया कि वेंकटेश मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 75 सालों से इसी परंपरा के अनुसार धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण की झांकी सजाई जाती है। इसके बाद भगवान झूले पर विराजमान होते हैं। खीर पूड़ी का भोग लगाने के बाद ही भगवान झूले से उतरते हैं।

इसी तरह खाटू वाले श्याम बाबा के मंदिर में भजन कीर्तन का कार्यक्रम चल रहा है। मंदिर और भगवान के दरबार में आकर्षक सजावट की गई है।

दोनों ही स्थानों पर शाम के समय भक्तों की भीड़ लगी रही।

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