मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम दर्राभाठा में एक महिला की डायरिया की चपेट में आने से मौत हो गई वहीं दो दर्जन से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए। पीड़ित लोगों में ग्राम की महिला सरपंच भी शामिल हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि एनटीपीसी से आ रहे गंदे पानी के कारण उनकी तबियत बिगड़ रही है।
बारिश थमने के साथ ही गांवों में डायरिया का प्रकोप शुरू हो गया है। एनटीपीसी सीपत से लगे ग्राम दर्राभाठा में पिछले तीन दिनों से डायरिया का प्रकोप चल रहा है। गांव में ही कैम्प लगाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है। कैम्प में पहुंचे 24 लोगों में से 12 लोगों को जिला अस्पताल भी भेजना पड़ा। बीमारी की चपेट में आने से बिपति बाई नाम की एक महिला की मौत हो गई। चपेट में आने वालों में गांव की महिला सरपंच हेमबाई बंजारे भी शामिल है।
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बी बी बोडे का अनुसार अधिकांश लोगों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
ग्रामीणों ने बताया है कि एनटीपीसी का गंदा पानी रिसकर उनके गांवों के हैंडपम्प में आ रहा है। इसका गंदा पानी गांव में जगह-जगह जमा भी हो गया है। यही गंदा पानी पीने के लिए वे मजबूर हैं।