GPS, डिजिटल सेंसर, RFID और AI सिस्टम से खनन कार्य हुआ पारदर्शी

बिलासपुर। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) ने डीजल चोरी और संचालन में अनियमितताओं को पूरी तरह रोकने के लिए अपने सभी खनन क्षेत्रों में उन्नत डिजिटल निगरानी और सुरक्षा प्रणाली लागू कर दी है। इस पहल से सुरक्षा, दक्षता और निगरानी—तीनों स्तरों पर ठोस सुधार की उम्मीद है।

QRT वाहनों पर GPS, ICCC से रियल-टाइम निगरानी
SECL के सभी क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) वाहनों में अत्याधुनिक GPS ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं। इन वाहनों की गतिविधियों पर मुख्यालय स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) से रियल-टाइम निगरानी की जा रही है, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई संभव होगी।

HEMM मशीनों पर डिजिटल सेंसर, डीजल खपत पूरी तरह पारदर्शी
कंपनी की सभी हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी (HEMM) में एडवांस डिजिटल सेंसर लगाए गए हैं। ये सेंसर मशीन की लोकेशन, ऑपरेटिंग घंटे, डीजल खपत और असामान्य गतिविधियों की सटीक जानकारी देते हैं। इससे डीजल चोरी की शुरुआती स्तर पर पहचान हो रही है और मशीनों का उपयोग पूरी तरह पारदर्शी बन गया है।

खनन क्षेत्रों में RFID बूम बैरियर, अनधिकृत प्रवेश पर रोक
सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सभी खनन क्षेत्रों में RFID आधारित बूम बैरियर लगाए जा रहे हैं। केवल RFID टैग वाले अधिकृत वाहन ही खदान परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। वाहन की एंट्री-एग्जिट का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल रूप से दर्ज होगा, जिससे अनधिकृत आवाजाही पर प्रभावी रोक लगेगी।

कॉन्ट्रैक्ट और LMV वाहनों पर भी GPS, AI से विश्लेषण
चयनित ठेका वाहनों और SECL की लाइट मोटर व्हीकल्स (LMV) में भी GPS सिस्टम लगाया जा रहा है। इन वाहनों की रियल-टाइम लोकेशन, रूट, ठहराव समय और मूवमेंट डेटा को ICCC में उपलब्ध CCTV फुटेज के साथ AI आधारित सिस्टम से जोड़ा गया है। यह सिस्टम गलत रूट, अनधिकृत ठहराव और संदिग्ध पैटर्न की स्वतः पहचान करेगा, जिससे डीजल चोरी और फर्जी रिपोर्टिंग की संभावना न्यूनतम होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here