बिलासपुर। खमतराई, बिलासपुर में 12 मई से दिव्य सनातनशिव कथा का आयोजन जारी है, जो 19 मई को संपन्न होगी। यह कथा  नंदाचार्य महाराज द्वारा प्रवाहित की जा रही है, जिन्होंने 51 स्थानों पर शिव कथा के आयोजन का संकल्प लिया है। इसी सिलसिले में आज उन्होंने प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत की।

“सनातन को समझिए, अपनाइए” –नंदाचार्य

प्रेस वार्ता में नंदाचार्य ने कहा कि “सनातन का अर्थ है जो शाश्वत हो, स्थायी हो, और सदा ज्ञान का विस्तार करे। लेकिन आज इसका अर्थ लोग सीमित रूप में ले रहे हैं। यही हमारी संस्कृति की सबसे बड़ी विडंबना है।” उन्होंने कहा कि त्योहार, व्रत, यज्ञ, पूजन, कथा आदि सिर्फ परंपराएं नहीं, बल्कि इनके पीछे वैज्ञानिक सोच है। “इनसे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, मन शांत होता है और समाज में संस्कार जन्म लेते हैं,” उन्होंने कहा।

उन्होंने चिंता जताई कि आज बहुत से सनातनी मंदिर नहीं जाते, न व्रत रखते हैं और न ही धार्मिक आयोजन में शामिल होते हैं। “इन्हीं मूल्यों की वापसी के लिए हमने 51 जगहों पर शिवकथा करने का प्रण लिया है,” उन्होंने कहा।

“शिव सनातन के प्रतीक हैं”

नंदाचार्य ने कहा कि “शिव का अर्थ ही है—कल्याण। शिव के बिना जीवन शव के समान हो जाता है।” उन्होंने बताया कि बिलासपुर के रामा ग्रीन सिटी के पास चल रही यह कथा शिव, सनातन और संस्कृति की गहराई को समझने और अपनाने का एक अवसर है।

सनातन जागृति अभियान की पहल

डॉ. देवधर महंत, महामंत्री, सनातन जागृति अभियान ने बताया कि यह आयोजन अभियान के प्रथम चरण की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि स्वामी नंदाचार्य जी का उद्देश्य सिर्फ कथा कहना नहीं, बल्कि लोगों को सनातन मूल्यों के प्रति जागरूक करना है।

डॉ. महंत ने सभी सनातन प्रेमियों से इस आयोजन में सम्मिलित होकर कथा श्रवण करने और जीवन में उसका लाभ उठाने का आग्रह किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here