बिलासपुर, 6 मार्च: जैजैपुर तहसील के अकलसरा ग्राम पंचायत में नियमों के विपरीत की जा रही डोलोमाइट माइनिंग के मामले में हाईकोर्ट ने शासन और लीज ठेकेदार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
गांव के स्कूल और नाले पर माइनिंग का असर
अकलसरा ग्राम पंचायत में अरविंद सोनी को डोलोमाइट खदान की लीज मिली थी, लेकिन उन्होंने नियमों की अनदेखी करते हुए माइनिंग शुरू कर दी। खदान से सिर्फ 700 मीटर दूर स्थित शासकीय स्कूल के पास विस्फोटक लगाकर खनन किया जा रहा है, जिससे स्कूल भवन में दरारें आ गई हैं।
इसके अलावा, गांव के सार्वजनिक बैजंती नाले को भी पाटकर वहां धर्मकांटा बना दिया गया, जिससे ग्रामीणों की निस्तारी (पानी की जरूरतें पूरी करने) का साधन बंद हो गया।
ग्रामीणों की शिकायतों पर नहीं हुई सुनवाई
ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ, जिला कलेक्टर और सीएम ऑफिस रायपुर तक शिकायतें कीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, संजू चंद्रा और अन्य ग्रामीणों ने एडवोकेट जयप्रकाश शुक्ला के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की।
नियमों की अनदेखी के गंभीर आरोप
याचिका में कहा गया कि:
- लीजधारी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक भी पौधा नहीं लगाया।
- निर्धारित क्षेत्र से अधिक भूमि पर अवैध खनन किया जा रहा है।
- भारी वाहनों के कारण गांव की सड़कें पूरी तरह जर्जर हो गई हैं।
पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने शासन को मामले में उचित निर्णय लेने के लिए कहा था, लेकिन कलेक्टर की जांच में शिकायतों को खारिज कर दिया गया, जबकि पटवारी की रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए थे।
जनहित याचिका दोबारा लगाई गई
इसके बाद, सुरक्षा निधि जमा कर दोबारा जनहित याचिका दायर की गई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अरविंद सोनी और शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।