ऑनलाइन दवा बिक्री के विरोध में औषधि विक्रेता संघ के आह्वान पर जिले की 1150 दवा दुकानें शुक्रवार को बंद रहीं। ऑल इंडिया केमिस्ट सोसिएशन व छत्तीसगढ़ औषधि विक्रेता संघ के आह्वान पर यह आंदोलन किया गया था। दूसरी ओर शहर के तीन अस्पतालों में घुसकर जबरन दुकानों को बंद कराने और मारपीट करने के आरोप में पुलिस ने विक्रेता संघ के नेताओं के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।
औषधि विक्रेताओं ने अपने संस्थान को बंद कर शुक्रवार को मेडिकल कॉम्पलेक्स तेलीपारा से एक रैली निकाली और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा।
जिला औषधि विक्रेता संघ के हरजीत सिंह सलूजा, मुर्तजा वनक, हीरानंद जयसिंह ने बताया कि अखिल भारतीय एसोसिएशन ने मांग पूरी नहीं होने पर देशभर के एक लाख केमिस्टों का दिल्ली में प्रदर्शन करने की योजना बनाई है।
उल्लेखनीय है कि दवा विक्रेता संघ ऑनलाइन दवा बिक्री का विरोध कर रही है। उनका कहना है कि जिन दवाओं को बेचने के लिए दवा विक्रेताओं को बहुत सारे नियम कानूनों का पालन करना पड़ता है, उन दवाओं को युवा वर्ग ऑनलाइन आसानी से खरीद रहे हैं। अवैध गर्भपात के लिए ऑनलाइन दवाइयां मंगाई जाती है। इधर ऑनलाइन विक्रेताओं द्वारा नकली सामान बेचा जा रहा है। फार्मासिस्ट मरीज से सीधे मिलकर दवा के फायदे और नुकसान बताता है, जो ऑनलाइन नहीं होता है। जो दवाएं फ्रिजर से बाहर रखने पर आधे घंटे बाद ही खराब होने लगती हैं, उनकी भी पार्सल से डिलीवरी दी जा रही है। यह मरीजों के साथ खिलवाड़ है। औषधि विक्रेताओं का कहना है कि हमारा विरोध अपने कारोबार पर होने वाले प्रभाव के कारण नहीं बल्कि मरीजों के स्वास्थ्य के साथ किए जाने वाले खिलवाड़ को लेकर है।
इधर बंद के दौरान अप्रिय स्थित भी पैदा हो गई। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. आरडी गुप्ता, सचिव डॉ. आशीष मूंदड़ा, डॉ. अमित सोनी, डॉ. विनोद तिवारी ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है कि दवा विक्रेता संघ के पदाधिकारियों ने मगरपारा स्थित डॉ. जगबीर सिंह क अस्पताल में घुसकर हाथापाई की। इसी तरह गौरव पथ स्थित आरोग्य अस्पताल के कर्चमारियों के साथ भी हाथापाई की। शिशु भवन में भी दवा दुकान पर बैठे कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई। पुलिस ने डॉक्टरों की शिकायत पर संघ के पदाधिकारी राघवेन्द्र गुप्ता, महेश अग्रवाल व अन्य के खिलाफ धारा 294, 323, 506 व 34 के तहत अपराध दर्ज किया है।
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. आर डी गुप्ता ने कहा कि औषधि विक्रेता संघ के आह्वान का समर्थन निजी अस्पतालों ने किया था लेकिन इमरजेंसी दवाएं देने के लिए कहीं-कहीं दुकान खोली गई, जो उनकी जवाबदारी भी थी। इसी दौरान संघ के पदाधिकारियों ने दवा दुकानों के कर्मचारियों के साथ मारपीट की।