नाइट लैंडिंग की मशीनें 17 मार्च 2025 तक पहुंचेंगी, चार महीने में सुविधा शुरू करने की संभावना

बिलासपुर। हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने आश्वासन दिया है कि नाइट लैंडिंग सुविधा के लिए आवश्यक डीवीओआर और अन्य मशीनें 17 मार्च 2025 तक बिलासपुर एयरपोर्ट पहुंच जाएंगी। यह जानकारी आज हाई कोर्ट में दाखिल एक नए शपथ पत्र के माध्यम से दी गई।

पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश सिंह और जस्टिस ए.के. प्रसाद की खंडपीठ ने एयरपोर्ट अथॉरिटी के दो साल की समयसीमा वाले दावे को खारिज कर, इसे अत्यधिक बताते हुए समय सीमा कम करने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि 2024-25 के दौरान ही यह सुविधा प्रदान की जानी चाहिए थी।

मशीनें जल्द आने का रास्ता साफ

AAI के अधिवक्ता अनुमेह श्रीवास्तव ने कोर्ट को सूचित किया कि दक्षिण कोरिया की कंपनी को 18 अक्टूबर 2024 को दिए गए परचेज ऑर्डर के तहत, 150 दिनों के भीतर मशीनें भारत पहुंच जाएंगी। कुल 22 मशीनों में से एक बिलासपुर एयरपोर्ट को प्राथमिकता के साथ उपलब्ध कराने का अनुरोध याचिकाकर्ता के वकील सुदीप श्रीवास्तव ने किया। हाई कोर्ट ने इस मांग को स्वीकार करते हुए आदेश में इसे शामिल किया।

भवन निर्माण की आवश्यकता

शपथ पत्र के अनुसार, मशीनें पहुंचने के बाद चार माह के भीतर नाइट लैंडिंग सुविधा शुरू की जा सकती है। हालांकि, इसके लिए राज्य सरकार को समय रहते आवश्यक भवन का निर्माण करना होगा। AAI की टीम ने हाल ही में भवन के संभावित स्थान का निरीक्षण किया है और अंतिम डिज़ाइन जल्द ही एयरपोर्ट प्रबंधन को सौंपे जाने की संभावना है।

कोर्ट की टिप्पणी और अगली सुनवाई

हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से बिलासपुर एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए शीघ्रता से आवश्यक कदम उठाने की उम्मीद जताई। अगली सुनवाई 7 अप्रैल 2025 को निर्धारित की गई है।

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