परसाई की स्मृति में प्रगतिशील लेखक संघ का आयोजन
बिलासपुर। प्रगतिशील लेखक संघ और प्रेस क्लब ने मिलकर मशहूर व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की स्मृति में एक खास गोष्ठी का आयोजन किया। शुरुआत में इकाई अध्यक्ष हबीब खान ने परसाई की साहित्यिक प्रतिभा और उनकी वैचारिक ईमानदारी पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि परसाई का लेखन हमें यह सिखाता है कि साहित्य और पत्रकारिता का असली मकसद है व्यवस्था से सवाल करना और आम जनता की आवाज को मजबूत बनाना। उनका व्यंग किसी व्यक्ति पर नहीं, बल्कि व्यवस्था की खामियों पर होता था।
पत्रकार राजेश अग्रवाल ने कहा कि परसाई को पढ़ते हुए ही लिखने की प्रेरणा मिली। प्रेस क्लब अध्यक्ष इरशाद अली ने बताया कि ऐसे आयोजन बहुत कुछ सिखाते हैं। प्रलेस के प्रांतीय अध्यक्ष नथमल शर्मा ने कहा कि परसाई जी ने अपना पूरा जीवन समाज की भलाई के लिए समर्पित किया और उनका मानना था कि व्यंग्य की जड़ में करुणा होनी चाहिए।
मुख्य वक्ता डॉ. मुरली मनोहर सिंह ने परसाई की कई रचनाओं का हवाला देते हुए कहा कि अगर वे आज होते तो समय की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विसंगतियों को अपने लेखन में पूरी ताकत से उठाते। उन्होंने कहा कि परसाई आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं क्योंकि उनका लेखन आम आदमी और समाज की भलाई की राह दिखाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद डॉ. एम.के. मिश्रा ने की। उन्होंने परसाई के लेखन में तर्कशीलता, वैज्ञानिक सोच और भाषिक विश्लेषण की अहमियत को रेखांकित किया।
दूसरे चरण में कवि गोष्ठी हुई, जिसमें अशोक शिरोड़े, संगीता तिवारी, अलका राठौर, रईसा बानो, निहारिका तिवारी, आकृति सिंह, नथमल शर्मा, रफीक खान और देवेंद्र गोस्वामी ने अपनी कविताओं से गंभीर माहौल बना दिया। कवि गोष्ठी का संचालन रफीक खान और टिप्पणी डॉ. सत्यभामा अवस्थी ने की।
कार्यक्रम में नरेश अग्रवाल, मुस्ताक मकवाना, डॉ. प्रदीप राही, देवेंद्र यादव, अतुल कुमार, संतोष श्रीवास्तव, पूजा रानी पात्र, वंदना, गोकर्ण गौरव, विशाल झा, अखलाक खान समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए। अंत में प्रेस क्लब सचिव दिलीप यादव ने आभार व्यक्त किया।













