बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने बुधवार को बिलासपुर जिले का दौरा किया और पुलिसिंग व्यवस्था की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कानून व्यवस्था को और मजबूत करने, अपराधों पर कड़ी नजर रखने और तकनीकी संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करने के सख्त निर्देश दिए।
चेतना अभियान बेहतर तरीके से लागू करें
➡️ सामुदायिक पुलिसिंग को संस्थागत रूप देने और “चेतना अभियान” को बेहतर तरीके से लागू करने के निर्देश दिए गए।
➡️ NAFIS (फिंगरप्रिंट तकनीक) का अधिक उपयोग करने और इसके लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण देने पर ज़ोर दिया गया।
➡️ बीट सिस्टम को मजबूत करने और उसे और ज्यादा प्रभावी बनाने की बात कही गई।
➡️ CCTNS, E-साक्ष्य और E-समन जैसे डिजिटल टूल्स का विवेचना (जांच) में अधिक उपयोग करने के निर्देश दिए गए।
➡️ लंबित मामलों की नियमित मॉनिटरिंग और पुराने-नए सभी प्रकरणों का जल्द निराकरण सुनिश्चित करने को कहा गया।
➡️ पुलिसकर्मियों के वेलफेयर के लिए समय-सीमा में उचित निर्णय लेने की बात भी दोहराई गई।
कम्युनिटी पुलिसिंग का प्रेजेंटेशन
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने जिले की वर्तमान कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, विजिबल पुलिसिंग और सामुदायिक पुलिसिंग के प्रयासों का प्रजेंटेशन दिया।
विभिन्न शाखाओं की समीक्षा की
सकरी बटालियन, रेडियो कार्यालय, हाई कोर्ट सुरक्षा, एयरपोर्ट सुरक्षा, विशेष आसूचना शाखा, अभियोजन कार्यालय और रेंज एमटी शाखा के कार्यों की भी डीजीपी ने समीक्षा की और अधिकारियों से आगे की कार्य योजना की जानकारी ली।
फरियादी की बात को गंभीरता से सुनें
डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि घटना की सूचना मिलते ही वे तुरंत मौके पर पहुंचे, फरियादी की बात गंभीरता से सुनें और समय रहते आवश्यक कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि पुलिस की छवि आम लोगों के बीच सकारात्मक और भरोसेमंद होनी चाहिए, इसके लिए सभी अधिकारी कानून और नियमों का ईमानदारी से पालन करें।
बैठक में बिलासपुर रेंज आईजी डॉ. संजीव शुक्ला, कमांडेंट मनोज खिलाड़ी, एसपी पूजा कुमार, दीपमाला कश्यप, और जिले के सभी राजपत्रित पुलिस अधिकारी मौजूद थे।