दावा 11 लाख का था, अदालत ने कहा – न्याय होना चाहिए, चाहे मांगी गई रकम कम क्यों न हो
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि हादसे में जान गंवाने वाले परिवार को उचित मुआवजा मिलना चाहिए, भले ही उन्होंने कम राशि की मांग की हो। कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए इंजीनियरिंग छात्र शुभम मिश्रा की मौत के मामले में मुआवजे की राशि को बढ़ाकर 23 लाख 78 हजार रुपये कर दिया।
यह फैसला हाईकोर्ट के जज प्रार्थ प्रतीम साहू की सिंगल बेंच ने दिया है।
11 साल पहले हुई थी दुर्घटना में मौत
बिलासपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे शुभम मिश्रा की साल 2014 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वह रायपुर के पास बाइक से जा रहा था, तभी एक तेज रफ्तार ट्रांजिट मिक्सर वाहन ने उसे टक्कर मार दी। शुभम की मौके पर ही मौत हो गई।
परिवार ने मांगा था 11 लाख, मिले सिर्फ 10 लाख
शुभम के माता-पिता ने रायपुर के मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में 11 लाख रुपये मुआवजे की मांग की थी। लेकिन अधिकरण ने शुभम की संभावित कमाई 7500 रुपये महीना मानकर सिर्फ 10 लाख 1 हजार रुपये का मुआवजा तय किया।
हाईकोर्ट ने कहा– शुभम होनहार छात्र था
इस फैसले से असंतुष्ट होकर परिजनों ने हाईकोर्ट में अपील की। उनकी ओर से कहा गया कि शुभम एक मेधावी इंजीनियरिंग छात्र था, और उसकी भविष्य की आमदनी कहीं ज्यादा हो सकती थी। हाईकोर्ट ने इस तर्क को सही माना और कहा कि मुआवजे में न्याय हो, न कि केवल आंकड़ों की गणना।
अंत में कोर्ट ने मुआवजे की राशि बढ़ाकर 23 लाख 78 हजार रुपए करने का आदेश दिया।