उद्यम के लिए छात्रों को जागरूक करने विश्वविद्यालय में शिविर शुरू, तीन दिन चलेगा

गुरु घासीदास  केन्द्रीय विश्वविद्यालय की भौतिकीय विज्ञान अध्ययनशाला में कौशल विकास प्रशिक्षण हेतु सिटकॉन द्वारा तीन दिवसीय उद्यमिता जागरुकता शिविर का उद्घाटन बुधवार को हुआ।  इस अवसर पर उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि भौतिकीय विज्ञान अध्ययनशाला के अधिष्ठाता प्रो. पी.के.बाजपेयी एवं विशिष्ट अतिथि  विवेक जोगलेकर रहे।

मुख्य अतिथि प्रो.पी.के.बाजपेयी ने कहा की उद्यमिता हमारी संस्कृति का हिस्सा है। हमारे देश का हर गांव स्वावलम्बी था। गांव के 90 प्रतिशत आवश्यकताएं गांव के संसाधनों से ही पूरी हो जाती थी। नाई,बढ़ई,कारीगर,किसान सभी गांव में रहते थे एवं एक दूसरे के आवश्यकताओं की पूर्ति करते थे। आज की शिक्षा व्यवस्था में योग्यता, कौशल एवं व्यक्तित्व विकास तीनों आयामों के मिश्रित विकास की आवश्यकता है। उद्यमिता के मॉडल विकसित किये जाने पर बल दिया जो अच्छा उद्यमी है उनके बारे में जानकारी देना भी जरूरी है।

नौकरी के प्रति लगाव छोड़ें- जोगलेकर

विशिष्ट अतिथि विवेक जोगलेकर ने कहा कि नौकरी के प्रति लगाव को छोड़ने की आवश्यकता है। छात्रों को उद्यमी बनना चाहिए। हमारा देश माइनिंग, कृषि, उद्योग, मसाले, हीरा-पन्ना के क्षेत्र में उद्यमिता के लिये जाना जाता है। हमारे देश में टेक्सटाइल इंडिस्ट्री काफी अच्छी स्थिति में थी, कपड़े का निर्यात होता था, कपड़ा उद्योग देश के युवाओं को जोड़ता था। रोजगार के सृजन हमारे जीन में है।

इससे पूर्व विश्वविद्यालय में कौशल विकास प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ. राजेश भूषण ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की जो छात्रों के कौशल विकास के लिये आवश्यक है। इस अवसर पर छात्रों में कौशल विकास की विभिन्न योजनाओं के प्रति रूझान दियाई दिया।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सुभाष बैनर्जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता एवं कुलसचिव प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार का मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन के धन्यवाद ज्ञापित किया। आयोजन में  अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षक एवं बड़ी संख्या छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

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