शिक्षा संचालक को पालकों ने भेजा पत्र, आधे-अधूरे अमल पर दी अवमानना का केस दायर करने की चेतावनी
बिलासपुर। प्राइवेट स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने की अनुमति को लेकर संचालक लोक शिक्षण विभाग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी आदेश को आधा-अधूरा बताते हुए सर्व स्कूल अभिभावक एवं विद्यार्थी कल्याण संघ ने कहा है कि न्यायालय के आदेश में अभिभावकों को भी राहत दी गई है लेकिन इसे लेकर जिले के अधिकारियों को कोई निर्देश संचालक की ओर से नहीं दिया गया है।
संगठन के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल की ओर से संचालक लोक शिक्षण संचालक को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि पत्र में आपके पत्र में जान बूझकर निजी विद्यालयों को लाभ पहुंचाने के लिये हाईकोर्ट के आदेश की कंडिका 30 से 33 तक के पालन के सम्बन्ध में जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। इसमें निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने की अनुमति कोर्ट ने दी है। इसी आदेश की कंडिका 27 से 29 में हाईकोर्ट ने अभिभावकों को राहत देने का प्रयास किया है, जिसे जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे गये पत्र में छिपा दिया गया है। कंडिका 27 में कोर्ट ने कहा है कि कोरोना महामारी से पूरा विश्व पीड़ित है। हर कोई इस वायरस से संघर्ष कर रहा है। ऐसी स्थिति में स्थिति सामान्य होने तक कोई भी शिक्षा संस्थान ट्यूशन फीस में वृद्धि नहीं करेगी। कंडिका 28 में कहा गया है कि ट्यूशन फीस के अलावा कोई भी अतिरिक्त फीस अभिभावकों से नहीं ली जायेगी। इस पर कोर्ट की निगरानी रहेगी। कंडिका 29 में कहा गया है कि जैसा कि कोर्ट ने केवल ट्यूशन फीस लेने का आदेश दिया है, पूर्व के सत्र में लिये गये फीस के अनुसार ही यह वसूल की जायेगी और अभिभावक को छूट होगी कि वे अपनी सुविधा के अनुसार मासिक, तिमाही फीस जमा करें।
संगठन ने संचालक लोक शिक्षण को भेजे गये पत्र में कहा है कि वे सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से इन आदेशों का भी पालन कराया जाना सुनिश्चित करें अन्यथा परेशान अभिभावकों को न्यायालय की शरण में जाकर अवमानना का प्रकरण दायर करने के लिये बाध्य होना पड़ेगा।