बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य में पहुंचाने के लिए बसों और ट्रेन के अलावा विशेष विमान सेवा की अनुमति भी दी जाये। एयरलाइन्स का सारा किराया केन्द्र या राज्य सरकार को वहन करना चाहिये क्योंकि महामारी या लॉकडाउन से पीड़ित होने में मजदूरों की कोई गलती नहीं थी।

जोगी ने पत्र में कहा है कि एयरलाइंस को किराया मिलने से वह लम्बी अवधि तक अर्थव्यवस्था में बना रहेगा। एक हजार किलोमीटर से अधिक दूरी वाले राज्यों से ट्रेन का सफर काफी समय लेगा जिससे मजदूरों में कोरोना संक्रमण हो सकता है। इसके लिए विमान सेवा ही अधिक सुविधाजनक होगी। हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग करना आसान होगा क्योंकि वे शहर से दूर स्थित होते हैं। भीषण गर्मी में भी ट्रेन बस से यात्रा करने पर मजदूरों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हवाईअड्डों पर सुरक्षा कर्मियों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना आसान होगा क्योंकि प्रति विमान आने वाले मजदूरों की संख्या कम होगी। इसके विपरीत ट्रेनों में एक हजार से अधिक मजदूर आयेंगे। इससे सोशल डिस्टेंसिंग और क्वारांटीन का प्रबंध करने वाले अधिकारियों पर काफी दबाव बढ़ेगा। जोगी ने कहा कि देश का बुनियादी ढांचा प्रवासी मजदूरों की पीठ पर बनाया गया है। उन्हें उनके गांव, परिवार के पास जाने का पूरा हक है।

 

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