बिलासपुर। आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में एसीबी कोर्ट ने जांजगीर के तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. रामलाल घृतलहरे को सात साल का कारावास, 10 लाख रुपये जुर्माना तथा उसकी 1 करोड़ 04 लाख 61 हजार रुपये की अवैध संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है।
बिलासपुर के एंटी करप्पशन ब्यूरो ने सन् 2012 में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर डॉ. घृतलहरे के ठिकानों पर छापा मारा था। जांच के बाद प्रकरण को एसीबी कोर्ट में चालान पेश किया था। चालान में बताया गया कि सीएमएचओ ने अपनी पत्नी और बच्चे के नाम पर संपत्तियां खरीदी हैं, जिनकी आय का स्त्रोत वे नहीं बता सके। विशेष न्यायाधीश सुरेश जैन ने मामले की सुनवाई के बाद यह सजा सुनाई है।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट को दो वर्ष पूर्व रायपुर के एक नागरिक मोहम्मद गुलाम अली ने पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि प्रदेश में 90 अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने शिकायतें दर्ज की है लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी कर्मचारी अपने पदों पर जमे हुए हैं और शासन से वेतन भत्ता प्राप्त कर रहे हैं। इस पत्र को हाईकोर्ट ने याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए एसीबी से जवाब मांगा था। इसके बाद कुछ मामलों का चालान पेश करने में एसीबी ने तेजी दिखाई थी। यह उन्हीं में से एक मामला था।