बिलासपुर। पुराने बस स्टैंड के सामने इमली पारा रोड में 88 व्यापारियों की रोजी-रोटी छीन जाने के मामले में पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने कहा है कि दुकानदारों को दुकान व्यवस्थापन के लिए समय नहीं देना निगम व जिला प्रशासन का अमानवीय कृत्य है। तोड़फोड़ की कार्रवाई से छोटे दुकानदार भी आज सड़क पर आ गए है।
पांडेय ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर भाजपा शासन काल में बड़े-बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की जा रही है। स्मार्ट सिटी के नाम पर पहले लोगों को बेघर किया गया। अब दुकानदारों की रोजी-रोटी छीनी जा रही है। पूर्व विधायक ने नगर विधायक पर भी सवाल उठाए और कहा कि जहां भाजपा के नेता गरीबों को पक्का मकान एवं बसाहट की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी प्रदेश में डबल इंजन की सरकार ने व्यापारियों से उनकी रोजी-रोटी छीन ली है।
पूर्व विधायक ने कहा है कि बिलासपुर शहर का विकास होना चाहिए लेकिन किसी की रोजी-रोटी छीन कर नहीं किसी को बेघर करके नहीं। वैसे भी इमली पारा रोड 100 फीट से ज्यादा चौड़ी है। मानवता के आधार पर पहले प्रभावित दुकानदारों को निगम प्रशासन के द्वारा दुकान उपलब्ध कराना था उसके बाद ही तोड़फोड़ की कार्रवाई की जानी थी, लेकिन डबल इंजन की सरकार में अफसर शाही अपनी मनमानी कर रहे हैं। यहां के प्रभावित व्यापारियों को को दुकान शिफ्टिंग के लिए वक्त भी नहीं दिया और कई दुकानदारों के सारे सामान खराब हो गए। अब 88 प्रभावित दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। अधिकांश दुकानदारों वेल्डिंग का काम करते हैं सैलून चलाते हैं तथा गैस सिलेंडर सुधारने, गाड़ी बनाने एवं मैकेनिक व पेंटिंग का काम करते हैं। इन दुकानदारों को निगम प्रशासन ने वक्त भी नहीं दिया और दुकान तोड़ दिए गए। यह निगम प्रशासन का अमानवीय कृत है। एक्सीवेटर चलाने से कई दुकानों के सामान भी खराब हो गए है। रोज कमाने खाने वाले प्रभावित दुकानदार परेशान नजर आए।
पांडेय ने कहा कि अब निगम ने इन दुकानदारों को अभी तक दुकान भी उपलब्ध नहीं कराई है और पुराने बस स्टैंड में ही अंदर में दारू भट्टी के सामने दुकान आवंटन के लिए जगह को चिन्हित किया है लेकिन दुकानों को बनाकर नहीं दिया जिससे प्रभावित दुकानदार परेशान हैं। अब क्या दारू दुकान के सामने दुकान चल पाएगी? पूर्व विधायक पांडे ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पहले सीवरेज के नाम पर शहर को खोद दिया गया। अब इस स्मार्ट सिटी के नाम पर दुकानें तोड़ी जा रही हैं। शहर की जनता इस कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगी। पहले प्रभावित दुकानदारों को निगम परिसर बनाकर दुकान आवंटित करें, दुकानों को शिफ्टिंग करने के बाद ही सड़क बनाने का काम शुरू होना था। शहर विधायक भी चुप्पी साधे बैठे हैं। तोड़फोड़ की गई दुकानों में भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के रिश्तेदारों की भी दुकान है। लेकिन शहर विधायक के सामने बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा नेताओं के सामने कार्यकर्ताओं को बोलने की इजाजत नहीं होती। भाजपा शासन काल में अफसरशाही हावी है।