विदाई के लिए बुलाई गई थी कैबिनेट की बैठक, मिला एक्सटेंशन का उपहार

Blive news desk

रायपुर। छत्तीसगढ़ की नौकरशाही में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम देखने को मिला, जब आज 30 जून 2025 को मुख्य सचिव अमिताभ जैन, जो उसी दिन सेवानिवृत्त होने वाले थे, को केंद्र सरकार द्वारा तीन महीने का सेवा विस्तार प्रदान किया गया। यह निर्णय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में रायपुर के महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया गया, जिसे केंद्र सरकार ने उसी दिन पहले मंजूरी दी थी। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार है जब किसी मुख्य सचिव को सेवा विस्तार दिया गया है, जिसने प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में व्यापक चर्चा और कौतूहल पैदा किया है।

अमिताभ जैन का करियर और पृष्ठभूमि

अमिताभ जैन, 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी, छत्तीसगढ़ के 12वें मुख्य सचिव हैं। उन्होंने 1 दिसंबर 2020 को राजेंद्र प्रसाद मंडल का स्थान लिया था। जैन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और सिस्टम्स एंड मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री धारक हैं। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं। वे लंदन में भारत के उच्चायोग में आर्थिक मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं, जहां उन्होंने भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने का कार्य किया।

जैन ने छत्तीसगढ़ में मुख्य सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान वित्त, जल संसाधन, और हाल ही में राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में अतिरिक्त प्रभार संभाला है। उनकी नियुक्ति को छत्तीसगढ़ मूल के अधिकारियों के लिए गर्व का विषय माना गया, क्योंकि वे इस पद पर नियुक्त होने वाले चौथे छत्तीसगढ़ी आईएएस अधिकारी हैं।

सेवा विस्तार का निर्णय

30 जून 2025 को अमिताभ जैन का सेवानिवृत्ति का दिन तय था, और इस दिन उन्हें औपचारिक विदाई दी जानी थी। राज्यपाल रमेन डेका ने उन्हें राजभवन में शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया था। कैबिनेट बैठक भी उनकी विदाई के लिए बुलाई गई थी। हालांकि, दोपहर होते-होते केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने उनके तीन महीने के सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी, जिसके नतीजे में जैन 30 सितंबर 2025 तक मुख्य सचिव के पद पर बने रहेंगे। इस निर्णय ने न केवल प्रशासनिक हलकों को चौंकाया, बल्कि नई नियुक्ति की अटकलों को भी विराम दे दिया।

आखिरी समय तक रहा सस्पेंस

अमिताभ जैन की सेवानिवृत्ति से पहले छत्तीसगढ़ के अगले मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर व्यापक अटकलें चल रही थीं। 1992 बैच के IAS सुब्रत साहू और 1994 बैच के मनोज कुमार पिंगुआ को इस पद के लिए प्रमुख दावेदार माना जा रहा था। सुब्रत साहू को जहां प्रबल दावेदार माना जा रहा था, वहीं मनोज पिंगुआ का नाम भी चर्चा में था, क्योंकि उन्हें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का समर्थन प्राप्त होने की बात कही जा रही थी। पिंगुआ वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में गृह, जेल, वन, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, और चिकित्सा शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार संभाल रहे हैं। वे छत्तीसगढ़ IAS Association के अध्यक्ष भी हैं।

हालांकि, केंद्र सरकार के फैसले ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। कैबिनेट बैठक में जैन के सेवा विस्तार को मंजूरी दी गई, और इस निर्णय को लागू करने के लिए आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिए गए। इस प्रक्रिया में अंतिम समय तक सस्पेंस बना रहा, क्योंकि सुबह तक जैन की विदाई की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन दोपहर में स्थिति पूरी तरह बदल गई।

CIC के रूप में नियुक्ति की रही चर्चा

जैन के सेवा विस्तार के साथ-साथ यह भी चर्चा थी कि उनकी सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ का मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया जा सकता है। हालांकि, सेवा विस्तार के निर्णय ने इन अटकलों को भी फिलहाल शांत कर दिया है। यह संभावना अभी भी भविष्य में विचाराधीन हो सकती है, क्योंकि जैन का विस्तार केवल तीन महीने के लिए है। इस तरह की नियुक्तियां आमतौर पर वरिष्ठ नौकरशाहों के लिए उनके अनुभव और प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए की जाती हैं, और जैन का लंबा और प्रभावशाली करियर उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है।

पहली बार मुख्य सचिव को सेवा विस्तार

जैन के सेवा विस्तार को एक अभूतपूर्व कदम माना जा रहा है, क्योंकि छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार किसी मुख्य सचिव को इस तरह का विस्तार दिया गया है। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय को भी रेखांकित करता है। कैबिनेट बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई, और रविवार शाम को मुख्यमंत्री साय और राज्यपाल डेका के बीच हुई मुलाकात को भी इस संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इसके अलावा, जैन के विस्तार ने उन अधिकारियों के लिए भी एक नया उदाहरण स्थापित किया है, जो इस पद के लिए दावेदार थे। सुब्रत साहू और मनोज पिंगुआ जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को अब अगले तीन महीनों तक इंतजार करना पड़ सकता है, जब जैन का विस्तार समाप्त होगा। इस दौरान प्रशासनिक पुनर्गठन की संभावनाएं भी चर्चा में हैं।

नए CS की चर्चा थमेगी नहीं

अमिताभ जैन को मिला सेवा विस्तार छत्तीसगढ़ की नौकरशाही में एक ऐतिहासिक और अप्रत्याशित घटना है। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक निरंतरता को सुनिश्चित करता है, बल्कि राज्य में चल रही महत्वपूर्ण परियोजनाओं और नीतियों को गति देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जैन का अनुभव और केंद्र-राज्य समन्वय इस निर्णय के पीछे प्रमुख कारक प्रतीत होते हैं। हालांकि, यह विस्तार केवल तीन महीने के लिए है, जिसके बाद मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर फिर से चर्चाएं शुरू हो सकती हैं। इस बीच, जैन की भूमिका और उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक दिशा पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।

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