बिलासपुर। जीएसटी कार्यालय में नौकरी लगाने के नाम पर विभाग के बाबू ने 6 बेरोजगारों से करीब 15 लाख रुपये ठग लिये। दबाव बढ़ा तो उसने फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। ठगे गये युवक जब घर पहुंचे तो आरोपी फरार हो चुका था।
कोटा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी बाबू विवेक शुक्ला बिलासपुर के जीएसटी कार्यालय में कार्यरत है। उसने स्थानीय बेरोजगारों को अपने दफ्तर में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। उसकी बातों में आकर युवक हरि शंकर ने तीन लाख, शुभम तिवारी ने तीन लाख 68 हजार, अनिल कौशिक ने तीन लाख 50 हजार, मीनाक्षी तिवारी से 2 लाख 50 हजार और मणि शंकर तिवारी ने तीन लाख रुपए दे दिये। आकाश गुप्ता ने दो किश्तों में तीन लाख 50 हजार रुपए दिए।
रुपये लेने के बाद विवेक शुक्ला उन्हें लेकर रायपुर जीएसटी कार्यालय गया। उनसे वहां फॉर्म जमा कराया गया। 29 अक्टूबर को उसने युवकों को नियुक्ति पत्र सौंपा और बिलासपुर कार्यालय में ड्यूटी ज्वाइन करने कह दिया। बेरोजगार युवक-युवती जब जीएसटी ऑफिस पहुंचे, तब उन्हें पता चला कि आदेश फर्जी है। फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने का मामला सामने आने पर बेरोजगार युवक-युवती आरोपी क्लर्क विवेक के घर पहुंच गए। विवेक के घर जाकर उसके संबंध में जानकारी लेने पर उसके भाई वैभव ने विवेक के आने तक बेरोजगारों को इंतजार करने कहा। साथ ही सबके रुपए वापस कराने का भरोसा भी दिलाया। इस बीच बेरोजगार युवक-युवती एक सप्ताह तक उसका इंतजार करते रहे। लेकिन, विवेक वापस अपने घर ही नहीं पहुंचा है। सिविल लाइन पुलिस ने उसके विरुद्ध धारा 420, 457, 368 तथा 471 के तहत अपराध दर्ज किया है।