बिलासपुर। रेलवे भर्ती बोर्ड बिलासपुर की तकनीशियन पद के लिए आयोजित परीक्षा की दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया के दौरान एक फर्जी अभ्यर्थी पकड़ा गया। सुमित कुमार नाम के इस युवक के दस्तावेजों की जांच में खुलासा हुआ कि उसने विभिन्न नामों से कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा दी थी। रेलवे अधिकारियों ने मामले को तोरवा पुलिस के हवाले कर दिया, जहां बीएनएस की धारा 318(4) और 319(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एक ही व्यक्ति, चार अलग पहचान
20 मई 2025 को बिलासपुर में रेलवे भर्ती बोर्ड के कार्यालय में तकनीशियन पद के लिए दस्तावेजों की जांच हो रही थी। इसी दौरान सुमित कुमार नामक युवक का दस्तावेज सत्यापन किया गया। जांच में सामने आया कि उसने पटना, बिहार के कई केंद्रों में अलग-अलग नामों से परीक्षा दी थी।
- 26 दिसंबर 2024 को सुमित कुमार के नाम से बिलासपुर बोर्ड में परीक्षा दी।
- 28 दिसंबर 2024 को शुभम कुमार नाम से सिकंदराबाद बोर्ड के तहत परीक्षा दी।
रेलवे अधिकारियों ने जब ऑनलाइन फॉर्म, फोटो और बायोमेट्रिक डाटा का मिलान किया तो पाया गया कि चार अलग-अलग अभ्यर्थियों के नाम और फोटो अलग हैं, लेकिन परीक्षा में बैठा व्यक्ति एक ही है। परीक्षा के समय लिया गया बायोमेट्रिक फोटो चारों मामलों में एक ही व्यक्ति का था।
कंप्यूटर आधारित परीक्षा से घटी धांधली, लेकिन जारी है फर्जीवाड़ा
पहले रेलवे में होने वाली सभी परीक्षाएं मैन्युअल पद्धति से होती थीं, जिससे नकल और फर्जीवाड़े के मामले बढ़ गए थे। इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए रेलवे बोर्ड ने ग्रुप डी से लेकर ग्रुप सी तक सभी परीक्षाएं कंप्यूटर आधारित (CBT) करने का फैसला लिया। ऑनलाइन आवेदन के बाद उम्मीदवारों को फोटो सहित सभी मूल दस्तावेज लाना अनिवार्य किया गया।
इस परीक्षा में बिहार और झारखंड से सबसे अधिक उम्मीदवार शामिल होते हैं, जो परीक्षा से दो दिन पहले ही परीक्षा केंद्र पहुंच जाते हैं।
पुलिस कार्रवाई शुरू
फर्जीवाड़े की पुष्टि के बाद रेलवे भर्ती बोर्ड के कार्यालय अधीक्षक योगेंद्र कोयल ने इसकी शिकायत तोरवा थाने में की। पुलिस ने आरोपी सुमित कुमार के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4) और 319(2) के तहत फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने और पहचान छिपाकर परीक्षा में शामिल होने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है।