बिलासपुर। रेलवे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दुरुपयोग से बनाए जा रहे फर्जी ई-टिकटों के मामले सामने आने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला 12 दिसंबर 2025 को गाड़ी संख्या 12833 में नागपुर–गोंदिया सेक्शन के दौरान उजागर हुआ, जहां एक ही सीट पर दो यात्रियों ने दावा किया।

एचएचटी जांच में खुली पोल
ड्यूटी पर तैनात टिकट जांच कर्मचारी (TTE) इंद्रजीत को संदेह होने पर दोनों यात्रियों के ई-टिकटों की एचएचटी (HHT) मशीन से जांच की गई। जांच में एक टिकट वैध पाया गया, जबकि दूसरा टिकट निष्क्रिय (फ्लश्ड) पीएनआर के आधार पर तैयार किया गया फर्जी ई-टिकट निकला। पूछताछ में यात्रियों ने बताया कि यह टिकट उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति ने दिया था, जिसका मोबाइल नंबर बाद में बंद मिला।

फ्लश्ड पीएनआर से AI की मदद से एडिट किया गया टिकट
जांच में यह साफ हुआ कि फ्लश्ड पीएनआर के आधार पर ई-टिकट की पीडीएफ फाइल को डिजिटल रूप से एडिट किया गया था और एआई टूल्स का इस्तेमाल कर नकली टिकट तैयार किया गया। इससे रेलवे में टिकट फर्जीवाड़े का नया और खतरनाक तरीका सामने आया है।

जयपुर मंडल में भी सामने आया ऐसा ही मामला
इसी तरह का एक मामला हाल ही में जयपुर मंडल में भी सामने आया, जहां कुछ विद्यार्थियों ने एक व्यक्ति के वैध ई-टिकट को एआई की मदद से एडिट कर सात यात्रियों का टिकट दिखाया। यह फर्जीवाड़ा तब पकड़ा गया, जब हेड टीसी ने मोबाइल पर दिखाए गए टिकट की गहन जांच की।

टीटीई/टीसी को सख्त निर्देश, लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त
इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने सभी टिकट जांच कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे हर ई-टिकट और एम-टिकट का एचएचटी से अनिवार्य सत्यापन करें। किसी भी संदिग्ध या संशोधित डिजिटल टिकट को तुरंत फर्जी मानते हुए आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि फर्जी टिकट मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।

मालूम हो कि रेलवे में एचएचटी जांच का मतलब हैंड हेल्ड टर्मिनल से टिकट की डिजिटल जांच करना होता है। यह एक पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक मशीन होती हैजो टिकट जांच कर्मचारियों के पास रहती है। जब कोई यात्री ई-टिकट या मोबाइल टिकट दिखाता हैतो टीटीई उसमें दिए गए पीएनआरकोचसीट नंबरयात्रा तिथि और यात्री नाम को एचएचटी में जांचता है। यह मशीन सीधे रेलवे के केंद्रीय सर्वर से जुड़ी होती हैइसलिए कुछ ही सेकंड में पता चल जाता है कि टिकट असली है या फर्जी। एचएचटी जांच फर्जी टिकट पकड़ने का सबसे भरोसेमंद तरीका मानी जाती है।

जीआरपी/आरपीएफ को दी जाएगी सूचना, यात्रियों से अपील
रेलवे ने ऐसे मामलों की जानकारी तुरंत संबंधित जीआरपी या आरपीएफ को देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यात्रियों से अपील की गई है कि वे केवल अधिकृत माध्यमों से ही टिकट खरीदें, अनजान या अनधिकृत व्यक्तियों से टिकट न लें और किसी भी संदिग्ध स्थिति की सूचना तुरंत रेलवे कर्मियों को दें।

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