दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी, मुआवजा मिलेगा- कलेक्टर
तखतपुर (टेकचंद कारड़ा)। तहसील के हिर्री थाने के ग्राम मेड़पार बाजार में गायों की मौत के बाद मातम छाया हुआ है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। कलेक्टर ने कहा कि गायों को बंद करने का प्रशासन की तरफ से कोई निर्देश नहीं था। दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पशुपालकों को मुआवजा दिया जायेगामेड़पार बाजार के पुराने जर्जर पंचायत भवन में कल शाम से कैद किये गये 60 में से 47 गाय-भैंसों की मौत हो गई। इसकी जानकारी गांव वालों को आज सुबह हुई। मौत के बाद गांव में मातम का माहौल है। पशुपालकों को मवेशियों की मौत से काफी नुकसान हुआ है।
कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर, जिला पंचायत सीईओ गजेन्द्र सिंह चौहान, विधायक रश्मि सिंह सहित अनेक अधिकारी व जनप्रतिनिधि घटना की जानकारी मिलने पर वहां पहुंच गये। मृत पशुओं का पोस्टमार्टम करा लिया गया है और उन्हें अब दफनाने की तैयारी की जा रही है।
कलेक्टर डॉ. मित्तर ने बताया कि कुल 60 मवेशी 17 बाई 22 के कमरे में कल शाम बंद कर दिये गये थे। कलेक्टर ने बताया कि 43 मवेशियों की मौत हुई है जिनमें अधिकांश गायें कुछ भैसें हैं। इनमें चार बछड़े भी हैं। गांव में गौठान नहीं है लेकिन किसी को अस्थायी गौठान बनाने या रेका-छेका अभियान चलाकर इस तरह से कैद करने का कोई निर्देश नहीं दिया गया था। यह घोर आपत्तिजनक है। मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
बाद में अनुविभागीय दंडाधिकारी आनन्द रूप तिवारी ने मरने वाले मवेशियों की संख्या 47 बताई। तिवारी ने बताया कि गांव में पिछले चार पांच दिनों से आवारा घूम रहे पशुओं को घरों में बंद करने के लिये मुनादी कराई जा रही थी। इसके बाद भी पशु घूम रहे थे और फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे। इसके बाद पंचायत और ग्रामीणों ने इन्हें पंचायत भवन के दो कमरों में बंद करने का निर्णय लिया। जिला पंचायत सीईओ मामले की जांच के लिये टीम गठित कर रहे हैं।
एफआईआर दर्ज पर अज्ञात के खिलाफ
ग्राम मुड़पार की सरपंच प्रमिला रामकुमार नेताम है। गांव वाले आपसी बातचीत में तो बता रहे हैं कि सरपंच पति रामकुमार ने ग्रामीणों को कहा था कि वे अपने पशुओं को पंचायत भवन में लाकर बंद करें। ग्रामीणों की इसमें सहमति थी। बात यह भी सामने आ रही है कि गोधन न्याय योजना शुरू होने के बाद गोबर एकत्र करने की योजना बनाते हुए सब मवेशी एक साथ कैद कर दिये थे जहां उनका दम घुट गया।
हिर्री के थाना प्रभारी एस पी चतुर्वेदी ने बताया कि अज्ञात आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 13 तथा आईपीसी की धारा 429, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। यह पूछे जाने पर कि ग्रामीण तो सरपंच पति सहित कुछ लोगों का नाम ले रहे हैं, फिर आरोपी अज्ञात क्यों? उन्होंने कहा कि गांव के लोग बयान दर्ज कराने के लिये सामने नहीं आ रहे हैं वे किसी का नाम नहीं बता रहे हैं। ग्राम पंचायत के सचिव सतीश आनंद का कहना है कि इस फैसले में उसका कोई हाथ नहीं है। पंचायत भवन में गायों को बंद किया गया था इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं है।