रायपुर। CBI की 1 जुलाई को हुई छापेमारी के बाद अब इस मामले में रावतपुरा सरकार मेडिकल साइंस एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, रायपुर के चेयरमैन रविशंकर महाराज, सीजी रेरा के चेयरमैन संजय शुक्ला और निदेशक अतुल तिवारी समेत 35 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
CBI ने यह कार्रवाई मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने और MBBS सीटें बढ़ाने के लिए रिश्वत देने के आरोप में की है। बताया गया है कि NMC (नेशनल मेडिकल काउंसिल) की टीम को कॉलेज की मान्यता रिपोर्ट तैयार करने और सीटें बढ़ाने के बदले मोटी रकम दी गई थी।
55 लाख की घूस के साथ पकड़े गए
CBI को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि NMC के कुछ अधिकारी निजी मेडिकल कॉलेजों से रिश्वत लेकर मान्यता दिला रहे हैं। इसी सूचना पर बेंगलुरु में ट्रैप बिछाकर CBI ने NMC की इंस्पेक्शन टीम के एक डॉक्टर को 55 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
CBI की अब तक की जांच में सामने आया है कि इस पूरे नेटवर्क में देश के आठ राज्यों के कई मेडिकल कॉलेज प्रबंधन शामिल हैं।
देशभर के 10 ठिकानों पर छापे
रायपुर स्थित रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज ने MBBS की 150 सीटों को बढ़ाकर 250 करने का आवेदन किया था। इसके लिए 30 जून को NMC की टीम कॉलेज निरीक्षण पर पहुंची थी।
CBI की टीम पहले से इस गतिविधि पर नजर रखे थी। जांच में सामने आया कि मान्यता के लिए रिश्वत का लेन-देन हुआ, जिसके बाद CBI ने 1 जुलाई को देशभर में 40 ठिकानों पर छापे मारे।
FIR में कौन-कौन आरोपी?
CBI की एफआईआर में जिन प्रमुख लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें शामिल हैं:
- रविशंकर महाराज, चेयरमैन, रावतपुरा सरकार मेडिकल साइंस, रायपुर
- अतुल तिवारी, निदेशक
- डॉ. अतिन कुंडु, फैकल्टी
- लक्ष्मीनारायण चंद्राकर, अकाउंटेंट
- संजय शुक्ला, रिटायर्ड IFS अफसर, रेरा चेयरमैन
- डॉ. मंजप्पा और डॉ. चैत्रा, निरीक्षण टीम के सदस्य
- स्वास्थ्य मंत्रालय, नेशनल हेल्थ अथॉरिटी और अन्य विभागों से जुड़े कई अधिकारी जैसे कि डॉ. जीतूलाल मीणा, पूनम मीणा, धरमवीर, पीयूष माल्याण, अनूप जायसवाल, राहुल श्रीवास्तव, चंदन कुमार आदि।
इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
7 जुलाई तक मिला रिमांड
CBI ने जिन 6 लोगों को पहले गिरफ्तार किया था, उन्हें 7 जुलाई तक रिमांड पर लिया गया है।
अब CBI की पांच सदस्यीय टीम रविशंकर महाराज से पूछताछ के लिए रावतपुर (मध्यप्रदेश) स्थित उनके मुख्य आश्रम के लिए रवाना हो गई है। अगर पूछताछ में संतोषजनक जवाब नहीं मिले तो उन्हें रायपुर लाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कॉलेज पर संकट के बादल
CBI की जांच में गंभीर अनियमितताएं मिलने के बाद रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज का यह सत्र “जीरो ईयर” घोषित किया जा सकता है।
मतलब – इस सत्र में नए एडमिशन नहीं होंगे, सिर्फ पुराने छात्र ही पढ़ाई जारी रखेंगे। साथ ही, PG सीटों की मान्यता या वृद्धि भी नहीं होगी।
कौन हैं रविशंकर महाराज?
रविशंकर महाराज को देशभर में रावतपुरा सरकार के नाम से जाना जाता है। वे अध्यात्म जगत की जानी-मानी हस्ती हैं और उनके अनुयायियों में राजनीति, प्रशासन और कारोबार से जुड़े कई बड़े लोग शामिल हैं।
उनका जन्म 12 जुलाई 1968 को मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले के छिपरी गांव में हुआ था।