नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर दिए गए एक विवादित बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। इस बयान को लेकर एक दूसरी एफआईआर रायपुर (छत्तीसगढ़) में दर्ज कराई गई। इसके पहले नादिया (पश्चिम बंगाल) में भी उनके खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है। भाजपा और उसके समर्थकों ने उनके बयान की कड़ी आलोचना की है, जबकि मोइत्रा और उनकी पार्टी ने इसे गलत व्याख्या बताकर बचाव किया है।
आइए जानते हैं पूरी घटना के बारे में।
बयान कब, कहां और क्या दिया गया?
महुआ मोइत्रा ने यह बयान 28 अगस्त 2025 को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में मीडिया से बातचीत के दौरान दिया। बांग्लादेश से घुसपैठ के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “अगर सीमाओं की रक्षा करने वाला कोई नहीं है, अगर दूसरे देश से लोग रोजाना घुस रहे हैं, अगर हमारे नागरिक शिकायत करते हैं कि घुसपैठिए हमारी मां-बहनों पर नजर रख रहे हैं और हमारी जमीनें छीन रहे हैं, तो सबसे पहले आपको अमित शाह का सिर काटकर अपनी मेज पर रखना चाहिए।” यह बयान बंगाली भाषा में दिया गया था, जो सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी अमित शाह पर होने का हवाला देता है। मोइत्रा का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घुसपैठियों पर बात करते हैं, लेकिन गृह मंत्रालय इसकी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा है।
क्या बयान की गलत व्याख्या हो रही है?
TMC और मोइत्रा के समर्थकों का दावा है कि बयान को शाब्दिक रूप से लिया जा रहा है, जबकि यह बंगाली भाषा की एक मुहावरे वाली अभिव्यक्ति है। पार्टी के नेता कुणाल घोष ने कहा, “यह शाब्दिक अर्थ में नहीं कहा गया। इसका मतलब अमित शाह को लोगों के दिलों से निकालना या जवाबदेह ठहराना है, न कि हिंसक कार्रवाई।”
बंगाली में ‘माथा काटा’ जैसी अभिव्यक्ति कभी-कभी पद से हटाने या अपमानित करने के संदर्भ में इस्तेमाल होती है, जैसे अंग्रेजी में ‘heads will roll’ का मतलब नौकरी से निकालना होता है। हालांकि, भाजपा ने इसे सीधे हिंसा की धमकी बताकर खारिज किया है। भाषा विशेषज्ञों के अनुसार, अनुवाद में सांस्कृतिक संदर्भ गुम हो सकता है, जिससे गलतफहमी हुई।
देश में कहां-कहां FIR या शिकायतें दर्ज हुईं?
- पहली FIR: कृष्णानगर, पश्चिम बंगाल में। भाजपा प्रवक्ता संदीप मजुमदार ने शिकायत दर्ज कराई, इसे ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘राज्य-विरोधी’ बताया। धाराएं स्पष्ट नहीं बताई गईं, लेकिन जांच शुरू हो गई है।
- दूसरी FIR: रायपुर (छत्तीसगढ़) के माना कैंप पुलिस स्टेशन में 30 अगस्त 2025 को दर्ज। स्थानीय निवासी गोपाल समंतो और अंजना गाइन की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196 (धर्म, जाति, भाषा आदि आधार पर दुश्मनी फैलाना) और 197 (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाली टिप्पणियां) के तहत। पुलिस जांच कर रही है।
सोशल मीडिया पर कई भाजपा समर्थकों ने आगे और शिकायतें करने की बात कही है।
भाजपा और समर्थकों की आलोचना
भाजपा ने मोइत्रा के बयान को ‘घृणास्पद’, ‘आपत्तिजनक’ और ‘हिंसक धमकी’ बताया।
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे ‘शर्मनाक’ कहा और TMC की मानसिकता पर सवाल उठाया।
- भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, “यह TMC की सोच दर्शाता है, जो लोकतंत्र में जगह नहीं रखती।”
- सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थकों ने इसे ‘आतंकवादी मानसिकता’ बताया और मोइत्रा की गिरफ्तारी की मांग की। कुछ ने इसे ‘महिला कार्ड’ खेलने की साजिश बताया।
सोशल मीडिया पर #MahuaMoitra और #AmitShah ट्रेंड हुए, जहां इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर हमला किया गया। यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा ने इसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया, खासकर बंगाल चुनावों के संदर्भ में।
मोइत्रा और TMC की प्रतिक्रिया
- महुआ मोइत्रा ने FIR पर तंज कसते हुए कहा, “मेरी बदनामी जिंदाबाद, दोस्तों। मुझे यह पसंद है।” उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताया।
- TMC ने इसे ‘राजनीतिक बदला’ करार दिया और कहा कि भाजपा बंगाली भाषा नहीं समझती, इसलिए गलत अर्थ निकाल रही है। पार्टी ने बयान को ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ बताया और कोई हिंसा का इरादा न होने की सफाई दी।
मुहावरा माना गया तो सजा मुश्किल
यह विवाद घुसपैठ के बड़े मुद्दे से जुड़ा है, जहां मोदी सरकार पर सीमा सुरक्षा में चूक का आरोप लग रहा है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि धाराएं 196-197 के तहत सजा हो सकती है, लेकिन साबित करना मुश्किल होगा अगर यह मुहावरा साबित हुआ। सोशल मीडिया पर बहस जारी है, जहां कुछ यूजर्स मोइत्रा का समर्थन कर रहे हैं कि यह सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी है।
यह घटना राजनीतिक बहस को और तेज कर सकती है, खासकर पश्चिम बंगाल जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।