9 मार्च को प्रदेशभर में आयोजित होगी वर्ष की पहली नेशनल लोक अदालत
बिलासपुर । भू-अधिग्रहण, चेक अनादरण, वरिष्ठ नागरिकों तथा 5 वर्ष से अधिक अवधि से पुराने लंबित मामलों के राजीनामा आधार पर निराकृत किए जाने पर विशेष जोर देते हुए ऐसे मामलों का आगामी नेशनल लोक अदालत में प्राथमिकता से निराकरण किया जाए। यह निर्देश छत्तीसगढ़ राज्य विधिक प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ली गई बैठक में न्यायिक अधिकारियों को दिया।
वीडियो कांफ्रेस में प्रदेश के सभी जिला न्यायाधीश, प्राधिकरण के जिला अध्यक्ष, जिला सचिव, फैमिली कोर्ट जज, चेयरमेन स्थायी लोक अदालत, सीजेएम व अन्य न्यायिक अधिकारी शामिल हुए।
जस्टिस भादुड़ी ने कहा कि नेशनल लोक अदालत में निराकरण के लिए रखे गए प्री-लिटिगेशन एवं न्यायालय में पूर्व से लंबित प्रकरणों के पक्षकारों को समय पूर्व नोटिसों की तामिली कराई जाए और पक्षकारों की उपस्थिति एवं उनकी कांउसिंलिंग सुनिश्चित की जाए।
प्राधिकरण के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल ने बताया कि चीफ जस्टिस व प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक जस्टिस रमेश सिन्हा के मार्गदर्शन में प्रदेश के समस्त जिलों में नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। अब तक प्री-लिटिगेशन के लगभग 36,500 एवं न्यायालयों में लंबित लगभग 81,000 प्रकरणों को चिन्हांकित किया जा चुका है। यह संख्या बढ़ रही है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने वर्ष 2024 में संपूर्ण भारत देश में 09 मार्च , 11 मई, 14 सितंबर और 14 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत आयोजित करने और अधिक से अधिक प्रकरणों का राजीनामा से निराकरण करने का निर्देश दिया है। नेशनल लोक अदालतें उच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालय तक सभी स्तरों पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें सिविल एवं राजस्व न्यायालय शामिल हैं।