अधिकारियों की बैठक में परियोजना की प्रगति पर दी गई जानकारी

बिलासपुर। ईस्ट रेल कॉरिडोर के तहत खरसिया से कारीछापर तक 44 किलोमीटर लम्बी रेल लाइन एसईसीआर ने तैयार कर ली है और इस पर 12 अक्टूबर से मालगाड़ी का परिचालन शुरू हो गया है।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय स्थित कान्फ्रेंस हाल में महाप्रबंधक गौतम बनर्जी की उपस्थिति में सभी विभागाध्यक्षों एवं बिलासपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक सहित अधिकारियों की बैठक ईस्ट रेल कारीडोर परियोजना को लेकर रखी गई । यह एक ज्वाइंट वेंचर परियोजना है। इस पर एसईसीएल, इरकान एवं  छत्तीसगढ़ सरकार ने संयुक्त रूप से लागत लगाई है। बुधवार की बैठक में मुख्य वाणिज्य प्रबंधक सैयद निशत अली ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से सभी विभागाध्यक्षों एवं संबंधित अधिकारियों को परियोजना से संबंधित एमओयू की शर्तो सहित अन्य सभी मुद्दों की जानकारी दी।

ईस्ट रेल कारीडोर परियोजना के प्रथम चरण में खरसिया से गरे पेलमा सहित धरमजयगढ़ तक 102 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है । खरसिया से कोरीछापर तक 44 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण कर शुरुआती दौर में इस लाइन को मालगाड़ी के परिचालन के लिए अनुकूल पाया गया है। इस पर मालगाड़ी का परिचालन दिनांक 12 अक्तूबर, 2019 से शुरू कर दिया गया है।

प्रथम चरण में खरसियां-घरघोड़ा-कोरीछापर- धरमजयगढ़ सहित घरघोड़ा से डोंगा महुआ, गरे पेल्मा तक 102 किलोमीटर नई रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है ।  नई रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत खरसिया से धरमजयगढ़ तक  गुरदा, छाल, घरघोड़ा, कोरीछापर, कुरुमकेला, धरमजयगढ़, भालूमाड़ा एवं गरे पेलमा में नौ रेलवे स्टेशन बनाने की योजना है ।

प्रथम चरण की वर्तमान अनुमानित लागत लगभग 3055 करोड़ है एवं इस परियोजना की कुल लागत का एसईसीएल 64%, इरकान.26% एवं  छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा 10% की राशि साझा की जा रही है । ईस्ट रेल कारीडोर परियोजना के दूसरे चरण के अंतर्गत धरमजयगढ़ से उरगा तक 62.5 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा।

इस अवसर पर अपरमहाप्रबंधक प्रमोद कुमार, सभी विभागाध्यक्ष, सचिव, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे श्री हिमांशु जैन, उपमहाप्रबंधक (सा.) एवं मुख्य जनसंपर्क अधिकारी साकेत रंजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे ।

 

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