बिलासपुर। सिविल लाइन्स थाना वीडियो कांफ्रेंस से आरोपियों को न्यायालय में पेश कर रिमांड लेने वाला संभाग का पहला पुलिस स्टेशन बन गया। सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने के 9 प्रकरणों को आज सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। इनमें एक महिला सहित कुल 10 आरोपी थे। आरोपियों ने अपने वकीलों के माध्यम से ही जमानत के लिए अर्जी दी और पूरी कार्रवाई एक घंटे में पूरी कर ली गई।

कोरोना महामारी के फैलाव को रोकने के लिए न्यायालयों में भी वीडियो कांफ्रेंस से मामलों की सुनवाई पर जोर दिया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का उल्लंघन करने के आरोप में पकड़े गये नौ प्रकरणों के 10 आरोपियों को आज सीजेएम बिलासपुर की कोर्ट में वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से पेश किया गया। सिविल लाइन्स पुलिस के आरक्षक कमल सोनी और कंट्रोल रूम के वीडियो कांफ्रेंस कक्ष के प्रभारी के सहयोग से सीजेएम न्यायालय के मध्य तकनीकी सम्पर्क की तैयारी पूरी की गई। न्यायालय ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आरोपियों से पूछताछ की और केस डायरी में आवश्यक निर्देश अंकित किये। कोर्ट ने सिविल लाइन पुलिस को अग्रिम कार्रवाई का निर्देश दिया। इसके बाद आरोपियों के वकीलों की ओर से जमानत की अर्जी भी ऑनलाइन ही पेश की गई और सभी को कोर्ट से ऑनलाइन जमानत भी मिल गई।

कोरोना संक्रमण के प्रतिकूल समय में न्यायालय के समक्ष वीडियो कांफ्रेंस के जरिये रिमाण्ड प्रस्तुत करने की बिलासपुर संभाग में यह पहली कार्रवाई है। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया गया और न्यायालय में होने वाली भीड़ को रोकने में सहायता मिली। सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी के साथ पूरे स्टाफ ने इस कार्रवाई में उत्साहपूर्वक अपना योगदान दिया।

आज पेश किये गये सभी आरोपी सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन के चलते गिरफ्तार किये गये थे। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस अधीक्षक ने इस समय पुलिस को सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने का निर्देश दिया है।

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